________________ 16. शास्त्री, कैलाशचन्द्र (पं.), भगवती आराधना, जिनवाणी जैनागम विशेषांक, अप्रेल-2002, पृष्ठ-501 17. मालवणिया, दलसुख (पं.), आगम युग का जैन दर्शन, प.-24 . 18. जैन, प्रेमसुमन (डॉ.) जैन साहित्य की सांस्कृतिक भूमिका, षष्टम अध्याय, प्राचीन जैन साहित्य में गणितीय शब्दावली, पृ.-45 एवं डॉ. नेमीचन्द्र शास्त्री की पुस्तक 'भारतीय संस्कृति के विकास में जैन वांगमय का अवदान' (दूसरा खण्ड) के पृ. 355 व 379 पर जैन गणित सम्बन्धी लेख अवलोकनीय। 19. शास्त्री, नेमिचन्द्र (डॉ.) 'प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास' पृष्ठ 161-162 20. शास्त्री, नेमिचन्द्र (डॉ.) 'प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास' पृष्ठ 246 (32)