________________ सन्दर्भ उपासकदशांग प्रथम अध्ययन प्रश्नव्याकरण 2/13 व्यवहार सूत्र 9/17-18 4. आवश्यकचूर्णि भाग 2, पृ.-8 __ बहत्कल्पभाष्य 2/1092 6. कौटिलीय अर्थशास्त्र 2/1/19 भगवती सूत्र 11/11/429 8. जैन, कमल (डॉ.), प्राचीन जैन साहित्य में आर्थिक जीवन, पृ.-165 9. आदिपुराण 16/254 10. नीतिवाक्यामत 8/11 11. जैन, जगदीश चन्द्र (डॉ.) जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज, पृ. 111-112 12. पिण्डनियुक्ति गाथा 47 13. बृहत्कल्पभाष्य 3/4770 14. निशीथभाष्य 16.5156 15. ज्ञाताधर्मकथांग 4/43 16. निशीथचूर्णि 4.6519 17. 'सुंकादीपरिसुद्धे, सइलाभे, कुणइ वणिओ चिठें'- बृहत्कल्पभाष्य 2.952 18. देखें, ज्ञाताधर्मकथांग अध्ययन पहला, पाँचवाँ, आठवाँ, तेरहवाँ। 19. जैन, जगदीश चन्द्र (डॉ.) जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज पृ.- 113 20. उत्तराध्ययन सूत्र 14/37 ... 21. व्यवहार भाष्य 7/418 ___(87)