________________ 42. कौटिलीय अर्थशास्त्र 1/4/1 43. अन्तकृतदशा 1/5 44. आचारांग 1/2/3/81 व 1/2/4/84 45. नीतिवाक्यमत 1/31, 29/105 46. मुनि चौथमलजी, जैन दिवाकर, नवकार मंत्र की आरती का तीसरा पद - 'णमो आयरियाणं छत्तीस गुण पालक, जैन धर्म के नेता संघ के संचालक।' दशाश्रुतस्कन्ध, चतुर्थ उद्देशक (प्रथम, ततीय व अन्य उद्देशक भी द्रष्टव्य) 48. उपासकदशांग 1/28,7/6 49. आचारांग 1/2/1/67 (अकडं करिस्सामिति) 50. निशीथ चूर्णि 3/2691, 4362 51. जैन, कमल (डॉ.) प्राचीन जैन साहित्य में आर्थिक जीवन एक अध्ययन, पृ.-33 (65)