Book Title: Pramey Kamal Marttand Part 3
Author(s): Prabhachandracharya, Jinmati Mata
Publisher: Lala Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
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विषय
६५७
६५७-६५८ ६५८-६५६ ६६०-६६१
सामान्य से नय का लक्षण तथा नयाभास का लक्षण नैगम नय का स्वरूप तथा नगमाभास का स्वरूप संग्रह नय का स्वरूप एवं संग्रहाभास का स्वरूप व्यवहारनय और व्यवहाराभास का स्वरूप ऋजुसूत्रनय और ऋजुसूत्राभास का स्वरूप शब्दनय का वर्णन समभिरूढ नय का लक्षण एवंभूत नय का स्वरूप नयों में कौनसा नय अल्प विषय वाला है और कौनसा बहुविषयवाला है सप्तभंगी विवेचन नय विवेचन और सप्तभंगी विवेचन का सारांश
६६३-६६६
६६६
६६८-६६६
६७०-६७८
६७८-६८१
६८२ से ७०६
६८३
६८५
२२ पत्र विचार: पत्र का लक्षण दो अवयव युक्त पत्र का उदाहरण पांच अवयव युक्त पत्र का उदाहरण परीक्षा मुख का अंतिम श्लोक प्रभाचन्द्राचार्य के अंतिम प्रशस्ति वाक्य अनुवादिका की प्रशस्ति परीक्षामुख सूत्र पाठ शुद्धिपत्र
६८६-६६२
७०२ ७०५-७०६
७०७
७०८-७१४
११५-७१६
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