Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्रे कदा कस्मिन् समये ते-तव मते-त्वया भगवन् चन्द्रमसो ज्योत्स्ना-ज्योतिः-प्रकाशः वह्वी-अधिका-प्रभूता ज्योत्स्ना आख्याता-प्रतिपादिता इति वदेत-कथय भगवन्निति गौतमस्य प्रश्नस्ततो भगवानाह-'तो दोसिणा पक्खे णं दोसिणा बहू आहिएत्ति वएजा' तावत् ज्योत्स्नापक्षे खलु ज्योत्स्ना बढी आख्याता इति वदेत् ॥ तावदिति प्रागवत् ज्योत्स्नापक्षे-प्रकाशपक्षे-शुक्लपक्षे खल्विति निश्चितं ज्योत्स्ना बही-प्रभूता ज्योत्स्ना आख्याता, शुक्लपक्षे चन्द्रस्याधिकः प्रकाशो भवतीति वदेत-स्वशिष्येभ्य उपदिशेत् । पुन गौतमः पृच्छति 'ता कहं ते दोसिणा पक्खे दोसिणा बहू अहिएत्ति वएज्जा' तावत् कथं ते ज्योत्स्नापक्षे ज्योत्स्ना बही आख्याता इति वदेत् । तावदिति पूर्ववत कथं-केनाधारण केन नियमेन ते-त्वया भगवन् ! ज्योत्स्ना पक्षे-शुक्लपक्षे, ज्योत्स्ना बही-प्रभूता ज्योत्स्ना आख्याता इति वदेत-कथय भगवन्निति गौतमस्य प्रश्न स्ततो भगवानाह-'ता अंधगारपक्खाओ णं दोसिणा बहू' तावत् अन्धकारपक्षतः खलु ज्योत्स्ना बढी ।।-तावदिति पूर्ववत् अन्धकारपक्षतः-अन्धकारपक्षापेक्षया ज्योत्स्ना प्रभूता भवतीत्याख्याता इति वदेत-स्वआपके मत से प्रतिपादित किया है ? अर्थात् चंद्रमा का प्रकाश आपके मत से कब अधिक प्रकाशित होता है ? इस प्रकार श्री गौतमस्वामी के प्रश्न को सुन कर श्री भगवान् कहते हैं-(ता दोसिणा पक्खेणं दोसिणा बहू आहिएत्ति वएज्जा) ज्योत्स्नापक्ष अर्थात् शुक्लपक्ष में चंद्र का अधिक प्रकाश होता है, ऐसा स्वशिष्यों को कहें । श्री गौतमस्वामी पुनः पूछते हैं-(ता कहं ते दोसिणा पक्खे दोसिणा बहू आहिएत्ति वएज्जा) किस प्रकार के आधार से आपके मत से शुक्लपक्ष में अत्यधिक प्रकाश होता है ? सो हे भगवन आप कहिए, इस प्रकार श्रीगौतमस्वामी के प्रश्न को सुनकर श्रीभगवान् कहते हैं-(ता अंधगारपक्खाओ णं दोसिणा बहू) कृष्णपक्ष की अपेक्षा से शुक्लपक्ष में अत्यधिक प्रकाश होता है। ऐसा स्वशिष्यों को उपदेश करें। श्रीगौतमस्वामी पुनः पूछते हैं-(ता कहं ते अंधगारपक्खाओ दोसिणापक्खे दोसिणा बहू आहिएत्ति वएઆપના મતથી કયારે વધારે પ્રકાશિત થાય છે? આ પ્રમાણે શ્રીગૌતમસ્વામીના પૂછવાથી तेना उत्तरमा श्रीभगवान् ४ छ.-(ता कहं ते दोसिणापक्खे दोसिणा बहू आहिएत्ति वएज्जा)
સ્ના પક્ષ અર્થાત્ શુકલ પક્ષમાં ચંદ્રને પ્રકાશ વધારે હોય છે. તેમ શિષ્યોને કહેવું. श्रीजीतभाभी इशथी पूछे छे.-(ता दोसिणा पक्खे दोसिणा बहू आहिएत्ति वएज्जा) કયા પ્રકારના અંધકારથી આપનામતથી શુકલપક્ષમાં વધારે પ્રમાણમાં પ્રકાશ હોય છે? તે હે ભગવન આપ કહે આ પ્રમાણે શ્રીગૌતમસ્વામીના ફરીથી પૂછવાથી શ્રીભગવાન કહે છે. (ता अंधगारपक्खाओ दोसिणा बहू) ५६ ४२i शुपक्षमा धारे प्रभाभा प्रश डाय छे. २ मा स्वशिध्यान अपहेश ४२वी. श्रीगौतभाभी पूछे छ.-(ता कहं ते अंधगारपक्खाओ दोसिणापक्खे दोसिणाबहू आहिएति वएज्जा) हे भगवनू ५०२
શ્રી સુર્યપ્રજ્ઞપ્તિ સૂત્ર: