Book Title: Agam 16 Upang 05 Surya Pragnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्रे
'ता अण्णमित्यादि, इदं वाक्यं जम्बुद्वीपपरं तच्च पूर्ववदेव परिपूर्ण पठनीयं व्याख्यातव्यं च, नात्र तद्वाक्यव्याख्यानावसर इति । संक्षेपेन जम्बुद्वीपं व्याख्याय गौतमः पृच्छति - 'ता जंबुद्दीवे दीवे केवइया चंदा पभासिसु वा पभासिंति वा पभासिस्संति वा' तावत् जम्बुद्वीपे द्वीपे कियन्तचन्द्राः प्राभासन् वा प्रभासयन्ति वा प्रभासयिष्यन्ति वा । तावदिति पूर्ववत् जम्बुद्वीपे खलु द्वीपे इत्यादि सर्व गौतमस्य प्रश्नपरं वाक्यं छाययैव सुवोधमिति सूर्यविषयको गौतमस्य प्रश्नः 'केवइया सूरा तविंसु वा तवेति वा तविस्संति वा ?" कियन्तः सूर्याः अतापयन् वा तापयन्ति वा तापयिष्यन्ति वा ? || इदमपि छाययैव सुबोधमिति ॥ अथ नक्षत्रविषयकः प्रश्नः - ' केवइया गक्खत्ता जोये जोईसु वा जोति वा जोइस्संति वा ' कियन्ति नक्षत्राणि योगमयुञ्जन् वा युञ्जन्ति वा योक्ष्यन्ति वा ?' इदमपि छाययैव सुबोधं ।
उत्पन्न केवलज्ञानी ऐसे में इस विषय में इस वक्ष्यमाण प्रकार से मेरा मत का प्रतिपादन करता हूं जो इस प्रकार है- (अग्रण्णं) इत्यादि यह वाक्य जम्बूद्वीप परक कहा है उसको पूर्ववद् परिपूर्ण रीति से कहकर व्याख्यात कर लेवें । यहां पर उस वाक्य की व्याख्या करने का प्रसंग नही है । संक्षेप से जंबूद्वीप को कहकर श्री गौतमस्वामी पूछते हैं (ता जंबूद्दीवे दीवे केवइया चंदा पभासिंसु वा पभासिंति वा पभासिस्संति वा ) जम्बूद्वीप नाम के द्वीप में कितने चन्द्र प्रभासित हुवे हैं? कितने चंद्र प्रभासित होते हैं ? एवं कितने चंद्र प्रभासित होंगे ? श्री गौतमस्वामी का प्रश्न वाक्य छाया से ही स्पष्ट हो जाता है । अब सूर्य विषयक श्रीगौतमस्वामी प्रश्न पूछते हैं - (केवइया सूरा तर्विसु वा तति वा विस्संति वा ) कितने सूर्य तापित हुवे है ? वर्तमान में तापित होते हैं ? एवं भविष्य में तापित करेंगे ? अब नक्षत्र विषयक प्रश्न पूछते हैं । (केवइया णक्खता जोयं जोईसु वा जोएंति वा, जोइस्संति वा ) किनने नक्षत्रने योग किया જ્ઞાની એવા હું આ વિષયમાં આ વક્ષ્યમાણુ પ્રકારથી મારા મતનું પ્રતિપાદન કરૂ છુ. જે या प्रमाणे छे. (अयण्णं) इत्यादि भावाज्य द्वीप संबंधी उडे छे. तेने पूर्वनी જેમ પૂરેપુરી રીતે કહીને વ્યાખ્યાત કરી સમજી લેવુ'. અહીં' એ વાક્યની વ્યાખ્યા કરવાના प्रसंग नथी.
संक्षेपत्री
द्वीपनो उसे उरीने श्रीगौतमस्वाभी पूछे छे. (ता जंबूद्दोवे दीवे या चंदा मासि वापभासिति वा परासिस्संति वा ४ यूद्रीय जामना द्वीपमा डेटा ચંદ્રો પ્રભાસિત થયા છે? કેટલા ચંદ્ર પ્રભાસિત થાય છે અને કેટલા ચદ્રો પ્રભાસિત થશે ? શ્રીગૌતમસ્વામીનું પ્રશ્નવાકય છાયાથીજ સ્પષ્ટ થઈ જાય છે.
हवे श्रीगौ भिस्वामी सूर्यना संधियां प्रश्न पूछे छे. - (केवइया सूरा तत्रिंमुवा तवेति वा, विस्तवा) डेटा सूर्यो तापित थया छे, वर्तमानमा तापित थाय छे तेलविण्यमां तापित थशे ? डुवे नक्षत्र विषयभां प्रश्न पूछे छे.- ( के बइया णक्खता जोयें जोगति वा जोसुवा,
શ્રી સુર્યપ્રજ્ઞપ્તિ સૂત્ર : ૨