________________ खिलाता था, इस प्रकार वह दुर्योधन चारकपाल कई एक को प्राणान्तक कष्ट पहुँचाया करता . था। "-सत्थोवाडिए-" पद का अर्थ है-शस्त्र से उत्पाटित अर्थात् खड्ग आदि शस्त्रों से कई एक का विदारण कर डालता था, उन्हें फाड़ देता था। "-अगडंसि उच्चूलं बोलगंपज्जेति-" इन पदों में प्रयुक्त अगड़-शब्द के- "कूप अथवा कूप के समीप पशुओं को जल पिलाने के लिए जो स्थान बनाया जाता है, वह-" ऐसे दो अर्थ होते हैं। अवचूल का अर्थ है-सर को नीचे और पांव को ऊपर करके लटका हुआ। बोलग-यह देश्य-देशविशेष में बोला जाने वाला पद है। जिस का अर्थ डूबना होता है और पज्जेति-का अर्थ-पिलाता है। परन्तु प्रस्तुत में -बोलगं पजेति- यह लोकोक्ति-मुहावरा है, जो गोते खिलाता है, इस अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। तात्पर्य यह है कि अपराधियों को सर नीचे और पांव ऊंचे करके दुर्योधन चारकपाल कूपादि में गोते खिला कर अत्यधिक पीड़ित किया करता था। ___ -उरे सिलं दलावेइ-की व्याख्या टीकाकार ने "-उरसि पाषाणं दापयति तदुपरि लगुडं दापयति, ततस्तं पुरुषाभ्यां लगुडोभयप्रतिनिविष्टाभ्यां लगुडमुत्कंपयति, अतीव चालयति यथाऽपराधिनोऽस्थीनी दल्यन्ते इति भावः-" इस प्रकार है, अर्थात् अपराधी को सीधा लिटा कर उस की छाती पर एक विशाल शिला रखवाता है और उस पर एक लम्बा लक्कड़ धरा कर उस के दोनों ओर पुरुषों को बिठाकर उसे नीचे ऊपर कराता है, जिस से अपराधी के शरीर की अस्थियां टूट जाएं और उसे अधिक कष्ट पहुंचे। सारांश यह है कि अपराधी को अधिक से अधिक भयंकर तथा अमर्यादित कष्ट पहुंचे। सारांश यह है कि अपराधी को अधिक से अधिक भयंकर तथा अमर्यादित कष्ट देना ही दुर्योधन के जीवन का एक प्रधान लक्ष्य बन चुका था। ___ "-भमि कंड्यावेति-" इन पदों का अर्थ. वृत्तिकार के शब्दों में "अंगुलीप्रवेशितसूचीकैः हस्तैर्भूमिकंडूयने महादुःखमुत्पद्यते इति कृत्वा भूमिकंडूयनं कारयतीति-" इस प्रकार है अर्थात् हाथों की अंगुलियों में सूइयों के प्रविष्ट हो जाने पर 1. पण्डित मुनि श्री घासी लाल जी म०-कण्डूयावेति-का अर्थ-कण्डावयति भूमौ घर्षयतीत्यर्थः। करचरणांगुलिषु सूची: प्रवेश्य करचरणयोर्भूमौ घर्षणेन महादुःखमुत्पादयतीति भावः- इस प्रकार करते हैं। अर्थात -कंडयावेति-का अर्थ है-भूमि पर घसीटवाता है। तात्पर्य यह है कि हाथों तथा पैरों की अंगलियों में सूइयों का प्रवेश करके उन्हें भूमि पर घसीटवा कर महान् दुःख देता है। ___ अर्धमागधीकोषकार-कण्डूयन शब्द के खोदना, खड्डा करना, ऐसे दो अर्थ करते हैं। परन्तु प्राकृतशब्दमहार्णव नामक कोष में कंडूयन शब्द का अर्थ खुजलाना लिखा है। 534 ] श्री विपाक सूत्रम् / षष्ठ अध्याय [प्रथम श्रुतस्कंध