Book Title: Vipak Sutram
Author(s): Gyanmuni, Shivmuni
Publisher: Aatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti

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Page 1022
________________ - शब्द 731 निवेसिय 732 निव्वत्त 733 निव्वाघाअ 734 निव्विण्ण 735 निसियाव 736 नीहरण 737 नेह प 738 पउर 739 पयोयण 740 पक्खार, 741 पक्खी 742 पगडिज्जमाण .743 पगलंत 744 पंगुल . 745 पच्चक्ख * 746 पच्चणुभव . 747 पञ्चणुव्वइया :: 748 पच्चाया 749 पंचिन्दिय 750 पच्चुत्तर . 751 पच्छण्ण 752. पच्छा 753 पच्छाव 754 पज्ज 755 पज्जुवास 756 पट्ट 757 पट्टय 758 पड 759 पडाग 760 पडागाइपडाग 761 पडिकप्पिय शब्द 762 पडिक्कंत 763 पडिगय 764 पडिजागरमाण 765 पडिनिक्खम 766 पडिणियत्त 767 पडिबंध 768 पडिबोहिय 769 पडियाइक्ख 770 पडियार 771 पडिलाभ 772 पडिवज 773 पडिबाल 774 पडिविसज्ज 775 पडिसुण 776 पडिसेह 777 पड्डिय 778 पढम 779 पढममल्ल 780 पण्णत्त 781 पणतीस 782 पणवीस 783 पंडिय 784 पंडुल्लइय 785 पण्हवण 786 पण्हावागरण 787 पत्त 788 पत्त 789 पत्त 790 पइ 791 पत्थ 792 पत्थिय 793 पंथकोट्ट शब्द 794 पंथकोट्ट 795 पभणित 796 पभिइ 797 पभू 798 पमज्ज 789 पमोद 800 पम्हल 801 पया 802 पया 803 पयाय 804 पयाया 805 पयार 806 पयोग 807 परसु 808 परंमुह 809 पराभव 810 परामुस 811 परक्कम 812 परिक्खित्त 813 परिग्गहिय 814 परिचत्त 815 परिछेज्ज 816 परिजण 817 परिजाण 818 परिणय 819 परिणाम 820 परितंत . 821 परित्तीकय 822 परिपेरन्त . 823 परिभाअ 824 परियट्ट 825 परियाग परिशिष्ट नं 2] श्री विपाक सूत्रम् [1013

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