________________
Tr
१६
-
-
। परिकण्टिक सम्बन्धी प्रकरणे ऐसा ४००६ भया ! बहुरि गुण्य का आदि अंक छक्का को सोलह करि गुणना तहां ऐसे ४००६ स्थापि एक करि छह को मुरणे छह भये सो तौ एका के नीचे बिंदी तामै जोडिए अर छ को छ करि गुण छत्तीस भया, तहां छक्का तौ गुण्य का छक्का की जायगां स्थापना, तीया पीछला अंक छक्का तामै जोडना, ऐसे कीए ऐसा ४०६६ भया । या प्रकार गुरिणत राशि च्यारि हजार छिनवै आया। ऐसे ही अन्यत्र विधान जानना ।
बहुरि भागहार विर्षे भाज्य के जैते अंकनि विर्षे भागहार का भाग देना संभव, तितने अंकनि की ताका भाग देइ पाया अंक को जुदा लिखि तिस पाया अंक करि भागहार कौं गुरणे जो प्रमाण होइ, तितना जाका भाग दीया था, तामै घटाय अवशेष तहां लिखना । बहुरि तैसें ही भाग दीए जो अंक पावै, ताकौं पूर्व लिख्या था अंक, ताके आगै लिखि ताकरि भागहार कॊ गुणि तैसे ही घटावना। असे यावत् भाज्यराशि निःशेष होइ तावत् कीए जुदे लिखे अंक प्रमाण एक भाग आवे है ।
इहां उदाहरण-जैसे भाज्य च्यारि हजार छिनर्व, भागहार सोलह । तहां भाज्य का अन्त अंक च्यारि कौं ती सोलह का भाग संभव नाहीं तात दोय अंके चालीस तिनकौं भाग देना, तहां ऐस १६ लिखि। इहां तीन आदि अंकनि करि सोलह कौं गुण, तौ चालीस ते अधिक होइ जाय तातें दोइ पाये सो दूवा जुदा लिखि, ताकरि सोलह कौं गुणि चालीस में घटाए असा ८६६ भया ।
बहुरि इहां निवासी कौं - सोलह का भाग दोए १६ पांच पाए, सो दूवा के प्रागै लिखि, ताकरि सोलह कौ मुनि निवासी में घटाए ऐसा ६६ रहा । याकौं सोलह का भाग दीएं छह पाय, सो पांचा के आगे लिखि, ताकरि सोलह कौं गुणि छिन भए, सो घटाए भाज्यराशि नि:शेष भया । ऐसें जुदे लिखे अंक तिनकरि एक भाग का प्रमाण दोय से छप्पन पावै है। बहुरि 'भागो नास्ति लब्धं शून्य' इस दचन तें जहां भाग टूटि जाय तहां बिंदी पावै । जैसे भाज्य तीन हजार छत्तीस (३०३६) भागहार छह (६) तहां तीस कौं छह का भाग दीए, पांच पाए, तिनकरि छह कौं गुणि, घटाए तीस निःशेष होय गया, सो इहां भाग टूट्या, तातें पांच के आगै बिदी लिखिए । बहुरि अवशेष छत्तीस कौं छह का भाग दीए छह पाए, सो बिदी के आगे लिखि, ताकरि छह को गुरिग घटाएं सर्व भाज्य निःशेष भया । ऐसे लब्ध प्रमाण पांच सै छै पाया। ऐसे ही अन्यत्र जानना ।
ma
REA
STHAN