Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Part 01 Sthanakvasi
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti Ahmedabad
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विषय -
पृष्ठाङ्क
प्रथम अध्ययन के प्रथम उद्देशकी समाप्ति ४१७ दूसरे उद्देशका उपक्रम
४१८
४२०
जीव के विशिष्ट ज्ञानके अभावका कारण पृथिवीकाय की हिंसा में तदाश्रित
जीवों की हिंसा
पृथिवीकाय लक्षण
पृथिवीकायप्ररूपणा पृथिवीकायजीव परिणाम पृथिवीकायवधद्वार - शस्त्रद्वार
पृथिवीकाय का उपभोग पृथिवीकायसमारम्भप्रयोजन
पृथिवीकायसमारम्भफल दृष्टान्तद्वारा पृथिवी जीवसिद्धि पृथिवीकायसमारम्भनिवृत्ति
उपसंहार - उद्देशसमाप्ति
तृतीय उद्देश
उपक्रम और दृष्टान्त
अनगारलक्षण
अनगारकर्त्तव्य
श्रद्धास्वरूप (१) यथावृत्तिकरण (२) अपूर्वकरण
(३) अनिवृत्तिकरण (४) अधिगमश्रद्धा
अकायश्रद्धोपदेश अकाय की हिंसा में
तदाश्रित अन्य जीवों की हिंसा
अकायशत्र
अकायरक्षोपदेश अष्कायभोग
४२३
४२५
४३३
४३७
४४०
४४१
४४२
४४९
४५५
४६१
४६३
४६४
४६४-४६८
४६९
४७३
४७४-४९८
४८५
४८९
४९२
४९४
४९९-५०३
५०४
५०५
५०९
५१२