Book Title: Tiloy Pannati Part 1
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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गाथा ।
[४] विषय
विषय .
गाथा ऋषभादिकोंके तीर्थमें अनुबद्ध केवलि. बलदेव, वासुदेव और प्रतिशत्रुओंका • योंकी संख्या १२१२ निरूपण
१४११ ऋषभादि तीर्थंकरोंके शिष्योंमेंसे अनु
| ग्यारह रुद्रोंका निरूपण
१४३९ . त्तर जानेवालोंकी संख्या १२१५ जौ नारदोंका निरूपण ऋषभादिकोंके मुक्तिप्राप्त यतिगणोंकी
चौबीस कामदेव
१४७२ ... संख्या
१२१८
तीर्थकरादिकोंकी मुक्तिका नियम १४७३ अषभादिकोंके मुक्तिप्राप्त शिष्यगणोंका
दुषमा कालका प्रवेश व उसमें आयु __ आदिका प्रमाण
१४७४ . मुक्तिकाल
१२३० ऋषभादिकोंके सौधर्मादिको प्राप्त हुए
गौतमादि अनुबद्ध केवली . शिष्योंकी संख्या
मौतमादिकका धर्मप्रवर्तनकाल १४७८
१२३२ भाव श्रमणोंकी संख्या
१२३८
अन्तिम केवलज्ञानी-आदिकोंका निर्देश १४७९ ऋषभ और महावीरका सिद्धिकाल
| चौदहपूर्वधारियोंके नाम व उनका १२३९
कालप्रमाण अषभादि तीर्थकरोंके मुक्त होनेका
१४८२
दशपूर्वधारी व उनका काल १४८५ - अन्तर
१२४०
तयारहअंगधारी व उनका काल १४८८ अषभादिकोंका तीर्थप्रवर्तनकाल १२५० ।
आचारांगके धारक व उनका काल १४९० दुषमसुषमा कालका प्रवेश व उसमें
गौतमादिकोंका सम्मिलित कालमान १४९२ '.. आयु आदिका प्रमाण
१९७५ १२७६.
-श्रुततीर्थके नष्ट होनेका समय १४९३ धर्मतीर्थकी व्युच्छित्ति
१२७८
चातुर्वर्ण्य संघका अस्तित्व १४९४ अंषभादिकोंकी प्रत्यक्ष व परोक्ष वंद
शक राजाकी उत्पत्ति
१४९६ : नामें आसक्त भरतादिक चक्रवर्ति
आयुकी क्षय-वृद्धि और उत्कृष्ट योंका निर्देश
१२८१
आयुके निकालनेका विधान १५०० भरतादिक चक्रवर्तियोंकी उंचाई
शक राजाकी उत्पत्ति व उसक १२९२ वंशका राज्यकाल
१५०३ , आयु
१२९५
गुप्तों और चतुर्मुखका राज्यकाल १५०४ कुमारकाल १२९७ मण्डलीककाल
पालक नामक अवन्तिसुतका राज्या
भिषेक दिग्विजय १३०३
पालक, विजयवंशी, मुरुंडवंशी और विभव १३७० पुष्यमित्रका राज्यकाल _ १५०६
१५०६ राज्यकाल १४०१ वसुमित्र-अग्निमित्र, गन्धर्व, नरवाहन, संयमकाल १४०७
भृत्यआन्ध्र और गुप्तवंशियोंका पर्यायान्तरप्राप्ति १४१० । राज्यकाल
१५०७
काल
१३००
१५०५
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