Book Title: Tiloy Pannati Part 1
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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-२.२६३ ]
बिदुओ महाधियारो
[९५
तेवण्णा चावाणि दो हस्था अट्टताल पम्बाणि । सत्तहिदाणिं उदओ दमगिंदयसंठियाण जीवाणं ॥ २५७
ध ५३, ४ २, में ४०
अट्ठावण्णा दंडा सत्तहिदा अंगुला य चउवीसं । वादिंदयम्मि तुरिमक्खोणीए णारयाण उच्छेहो ॥ २५०
ध ५८, २४ बासट्ठी कोदंडा हत्थाई दोणि तुरिमपुढवीए । चरिमिंदयम्मि खलखलप्पामाए णारयाण उच्छेहो ॥ २५९
बारस सरासणाणि दो हत्था पंचमीय पुढवीए । खयवडीय पमाण णिघि8 वीयराएहिं ॥ २६०
पणहत्तारिपरिमाणा कोदंडा पंचमीय पुढबीए । पढमिदयम्मि उदो तमणामे संठिदाण जीवाण ।। २६१
सत्तासीदी दंडा दो हत्था पंचमीए खोणीए । पडलम्मि य भमणामे णारयजीवाण उच्छेहो ॥ २६२
दं ८७, ह २। एक कोदंडसय झसणामे णारयाण उच्छेहो। चावाणि बारसुत्तरसयमेक अंधयम्मि दो हत्था ।। २६३ दं१००।
दं ११२, ह२।
तमक इन्द्रकमें स्थित जीवोंके शरीरका उत्सेध तिरेपन धनुष, दो हाथ और सातसे भाजित अड़तालीस अंगुलप्रमाण है ॥ २५७ ॥ तमक प. में ध. ५३, ह. २, अं. ४ (६६).
चतुर्थ पृथिवीके वाद इन्द्रकमें नारकियोंके शरीरका उत्सेध अट्रावन धनुष और सातसे भाजित चौबीस अंगुल है ॥ २५८ ॥ वाद प. में ध. ५८, अं. २४ (३७).
चतुर्थ पृथिवीके खलखल नामक अन्तिम इन्द्रकमें नारकियोंके शरीरका उत्सेध बासठ धनुष और दो हाथप्रमाण है ॥ २५९ ॥ खलखल प. में ध. ६२, ह. २.
वीतरागदेवने पांचवी पृथिवीमें क्षय व वृद्धिका प्रमाण बारह धनुष और दो हाथ बतलाया है ॥ २६० ॥ ध. १२, ह. २ हा. वृ...
- पांचवीं पृथिवीके तम नामक प्रथम इन्द्रकमें स्थित जीवोंके शरीरकी उंचाई पचहत्तर धनुषप्रमाण है ॥ २६१ ॥ तम प. में ध. ७५.
___ पांचवीं पृथिवीके भ्रम नामक पटलमें नारकी जीवोंके शरीरका उत्सेध सतासी धनुष और दो हाथप्रमाण है ॥ २६२ ॥ भ्रम प. में ध. ८७, ह. २.
झष नामक पटलमें एकसौ धनुष, तथा अंधक पटलमें एकसौ बारह धनुष और दो हाथप्रमाण नारकियोंके शरीरकी उंचाई है ॥२६३ ।
झष प. में ध. १०० । अंधक प. में ध, ११२, ह. २.
१ब तेण्णाव.
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