Book Title: Tiloy Pannati Part 1
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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-४. १२६६ ] चउत्थो महाधियारो
[ ३११ पलिदोवमद्धसमधियतोयहिउवमाण एक्कसयहीणा । रयणायरुवमकोडी सीयलदेवस्स अदिरित्ता ॥ १२६०
सा ९९९९८९९ ५ ९९९९९९९९९९९९९९९
अदिरेगस्ल पमाणं पणुवीससहस्स होंति पुवाणि । छब्बीससहस्साधियवच्छरछावटिलक्खपरिहीणा ॥ १२६१
पुच्च २५००० रिण व ६६२६०००। इगिवीसलक्खवच्छरविरहिदपल्लस्स तिचरणेणूणा । चउवण्णउवहिउवमा सेयंसजिणस्स तित्थकत्तित्तं ॥ १२६२
सा ५४ वा २१००००० रिण प ३ |
चउवण्णलक्खवच्छरऊणियपल्लेण विरहिदा होति । तीस महण्णवउवमा सो कालो वासुपुजस्स ॥ १२६३
सा ३० व ५४००००० रिण प १। पण्णरसलक्खवच्छरविरहिदपल्लस्स तिचरणेणूणा । णववारिहिउवमाणा सो कालो विमलणाहस्स ॥ १२६४
सा ९ व १५००००० रिण प३|
पण्णाससहस्साधियसगलक्खेणूणपल्लदलमेत्ते । विरहिदचउरो सायर उक्माणि अणंतसामिस्स ।। १२६५
सा ४ व ७५००००रिण प १)
पण्णाससहस्साधियडुलक्खवासूणपल्लएरिहीणा । तिणि महण्णवउवमा धम्मे धम्मोवदेसणाकाली ॥ १२६६
सा ३ व २५०००० रिण प १। शीतलनाथका तीर्थप्रवर्तन काल अर्थ पल्योपम और एकसौ सागर कम एक करोड़ सागरोपमप्रमाण कालसे अतिरिक्त है ॥ १२६० ॥
सा. ९९९९८९९, प. ९९९९९९९९९९९९९९९३ । इस अतिरिक्त कालका प्रमाण छयासठ लाख छब्बीस हजार वर्ष कम पच्चीस हजार पूर्व है ।। १२६१ ॥ पूर्व २५००० ---- वर्ष ६६२६००० ।
श्रेयांस जिनेन्द्रका तीर्थकर्तृत्वकाल इक्कीस लाख वर्ष कम एक पल्यके तीन चतुर्थांशसे रहित चौवन सागरोपमप्रमाण है ॥ १२६२ ॥ सा. ५४ + वर्ष २१००००० - प. हैं ।
वासुपूज्य भगवान्का वह काल चौवन लाख वर्ष कम एक पल्यसे रहित तीस सागरोपमप्रमाण है ॥ १२६३ ।। सा. ३० + वर्ष ५४००००० - प. १ ।
विमलनाथ तीर्थंकरका वह काल पन्द्रह लाख वर्ष कम पल्यके तीन चतुर्थांशसे हीन नौ सागरोपमप्रमाण है ।। १२६४ ॥ सा. ९ + वर्ष १५००००० - प. ।।
___ अनन्तनाथ स्वामीका तीर्थप्रवर्तनकाल सात लाख पचास हजार वर्ष कम अर्ध पल्यमात्रसे रहित चार सागरोपमप्रमाण है ।। १२६५ ॥ सा. ४ + वर्ष ७५०००० - प.।
धर्मनाथ स्वामीके धर्मोपदेशका काल दो लाख पचास हजार वर्ष कम एक पल्यसे हीन तीन सागरोपमप्रमाण है ।। १२६६ ॥ सा. ३ वर्ष २५०००० - प. १ ।
१ दब धम्मोवदेसणो कालो.
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