Book Title: Tiloy Pannati Part 1
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 526
________________ -४.२५२४ ] चउत्थो महाधियारो [४५९ लवणजलधिस्स जगदी सारिच्छा जंबुदीवजगदीए । भन्भंतर सिलवटै बाहिरभागम्मि होदि वर्ण ॥ २५१९ भू १२ । म ८ । मु४। उ ८ । पण्णारसलक्खाइं इगिसीदिसहस्सजोयणाणि तहा । उणदालजुदेकसयं बाहिरपरिधी समुद्दजगदीए ॥ २५२० १५८११३९ । दुगुणिश्चिय सूजीए इच्छियवलयाण दुगुणवासाणि । सोधिय अवसेसकदि वासद्धकदीहि गुणिदूणं ॥२५२१ गुणिदण दसहि तदो मूलेणकं हवेदि जं लर्छ । इच्छियवलयायारे खेत्ते तं जाण सुहमफलं ॥ २५२२ गयणेक्कछणवपंचछछतियसत्तणवयअटेक्का । जोयणया अंककमे खेत्तफलं लवणजलहिस्स ॥ २५२३ १८९७३६६५९६१०। अंबरछस्सत्तत्तियंपणतिदुचउछस्सत्तणवयएक्काई । खेत्तफलं मिलिदाणं जंबूदीवस्स लवणजलधिस्स ॥ २५२४ १९७६४२३५३७६०। लवणसमुद्रकी जगती जम्बूद्वीपकी जगतीके सदृश है । इस जगतीके अभ्यन्तर भागमें शिलापट्ट और बाह्य भागमें वन है ॥ २५१९ ॥ भूमि १२ । मध्य ८ । मुख ४ । उदय ८ यो.। इस समुद्रजगतीकी बाह्य परिधिका प्रमाण पन्द्रह लाख इक्यासी हजार एकसौ उनतालीस योजन है ॥ २५२० ॥ १५८११३९ । दुगुणी सूचीमेंसे इच्छित गोल क्षेत्रोंके दुगुणे विस्तारको घटाकर जो शेष रहे उसके वर्गको अर्ध विस्तारके वर्गसे गुणा करनेपर जो प्राप्त हो उसे पुनः दशसे गुणा करके प्राप्त राशिका वर्गमूल निकालने पर जो अंक लब्ध हों तत्प्रमाण इच्छित वलयाकार क्षेत्रका सूक्ष्म क्षेत्रफल जानना चाहिये ॥ २५२१-२५२२ ॥ उदाहरण-लवणसमुद्रकी सूची ५ लाख और व्यास २ लाख योजन है । उसका - सूक्ष्म क्षेत्रफल इसप्रकार होगा V { (५००००० ४ २)- (२००००० ४२ )} २ x २०३००० २ x १० = १८९७३६६५९६१० योजन । शून्य, एक, छह, नौ, पांच, छह, छह, तीन, सात, नौ, आठ और एक, इन अंकोंके क्रमसे जो संख्या निर्मित हो उतने योजनमात्र लवणसंमुद्रका क्षेत्रफल है ॥ २५२३ ॥ १८९७३६६५९६१० । शून्य, छह, सात, तीन, पांच, तीन, दो, चार, छह, सात, नौ और एक, इन अंकोंसे जो संख्या निर्मित हो उतने योजनप्रमाण जम्बूद्वीप व लवणसमुद्रका सम्मिलित क्षेत्रफल है ॥ २५२४ ॥ जं. द्वी. का क्षेत्रफल ७९०५६९४१५० + ल. स. का क्षे.फ. १८९७३६६५९६१० = १९७६४२३५३७६०। १द ब वलयाणि २ द ब छण्णवपंचछतिय. ३ दब १८९७३६६५९९६१०, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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