Book Title: Tiloy Pannati Part 1
Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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२०८]
तिलोयपण्णत्ती
[४. ५२६
जादो हु अवज्झाए उसहो मरुदेविणाभिराएहिं । चेत्तासियणवमीए णक्खत्ते उत्तरासा' ।। ५२६ माघस्स सुकपक्खे रोहिणिरिक्खम्मि दसमिदिवसम्मि । साकेदे अजियजिणो जादो जियसत्तविजयाहिं॥५२७ सावित्थीए संभवदेवो य जिदारिणों सुसेणाए । मग्गसिरपुण्णिमाए जेट्टारिक्खम्मि संजादो ॥ ५२८ माघस्स बारसीए सिदम्मि पक्खे पुणब्वसूरिक्खे । संवरसिद्धत्थाहिं साकेदे गंदणो जादो ॥ ५२९ मेधप्पहेण सुमई साकेदपुरम्म मंगलाए य । सावणसुक्केयारसिदिवसम्मि मघासु संजणिदो ॥ ५३० अस्सजुदकिण्हतेरसिदिणम्मि पउमप्पहो म चित्तासु । धरणेण सुसीमाए कोसंबिपुरवरे जादो ॥ ५३१ वारणसीए पहुवीसुपइटेहिं सुपासदेवो य । जेटस्स सुक्कबारसिदिणम्मि जादो विसाहाए ॥ ५३२ चंदेपहो चंदपुरे जादो महसेणलच्छिमइआहिं । पुस्सस्स किण्हएयारसिए अणुराहणक्खत्ते ।। ५३३ रामासुग्गीवेहि काकंदीए य पुष्फयंतजिणो । मग्गसिरपाडिवाए सिदाए मूलम्मि संजणिदो।। ५३४ माघस्स बारसीए पुब्वासाढासु किण्हपक्खम्मि । सीयलसामी दिढरहणंदाहि भदिले जादो ॥ ५३५
ऋषभनाथ तीर्थंकर अयोध्या नगरीमें, मरुदेवी माता, एवं नाभिराय पितासे, चैत्रकृष्णा नवमीके दिन, उत्तराषाढा नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५२६ ॥
अजित जिनेन्द्र साकेत नगरीमें पिता जितशत्रु एवं माता विजयासे माघके शुक्लपक्षमें दशमीके दिन रोहिणी नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५२७ ॥
संभवदेव श्रावस्ती नगरीमें पिता जितारि और माता सुसेनासे मगसिर मासकी पूर्णमासीके दिन ज्येष्ठा नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५२८॥
अभिनन्दन स्वामी साकेतपुरीमें पिता संवर और माता सिद्धार्थासे माघशुक्ला द्वादशाके दिन पुनर्वसु नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५२९ ।।
सुमतिनाथ तीर्थकर साकेत पुरीमें पिता मेघप्रभ और माता मंगलासे श्रावणशुक्ला एकादशीको मघा नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५३० ॥
पद्मप्रभ तीर्थकरने कौशाम्बी पुरीमें पिता धरण और माता सुसीमासे आसोजकृष्णा त्रयोदशीके दिन चित्रा नक्षत्रमें अवतार लिया ॥ ५३१ ॥
सुपार्श्व देव वाराणसी ( बनारस ) नगरीमें माता पृथिवी और पिता सुप्रतिष्ठसे ज्येष्ठ शुक्ला द्वादशीके दिन विशाखा नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५३२ ॥
चन्द्रप्रभ जिनेन्द्र चन्द्रपुरीमें पिता महासेन और माता लक्ष्मीमती (लक्ष्मणा) से पौषकृष्णा एकादशीको अनुराधा नक्षत्रमें अवतीर्ण हुए ॥ ५३३ ।।
भगवान् पुष्पदन्त काकन्दी नगरीमें माता रामा और पिता सुग्रीवसे मगसिरशुक्ला प्रतिपदके दिन मूल नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५३४ ॥
शीतलनाथ स्वामी भद्दलपुरमें ( भद्रिकापुरीमें ) पिता दृढरथ और माता नन्दासे माघके कृष्णपक्षकी द्वादशीके दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रमें उत्पन्न हुए ॥ ५३५ ॥
३द मेघवएण, ब मेधरथएण.
१दब उत्तरासाढा. २द ऐजिदारिणा, बराजिदारिणा. ४ ब पुहईवीसु. ५ द चंदप्पहो. ६ द आईहिं, ब आइहिं.'
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