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गाथा- २६
३४३
३४४
गाथा गाथा- २८ गाथा - २९, ३०
३४४
३४५
गाथा-३१
३४६
गाथा - ३२
३४७
अप्रत्याख्यानावरण क्रोध आदि चारित्रमोह की सत्रह प्रकृतियों का जघन्य प्रदेशोदयस्वामितव अनन्तानुबंधी कषायचतुष्क प्रकृतियों का जघन्य प्रदेशोदयस्वामित्व स्त्रीवेद प्रकृति का जघन्य प्रदेशोदयस्वामित्व आयुकर्म प्रकृतियों का जघन्य प्रदेशोदयस्वामित्व नरकगति और आनुपूर्वीचतुष्क प्रकृतियों का जघन्य प्रदेशोदयस्वामित्व देवगति और आहारकसप्तक प्रकृतियों का जघन्य प्रदेशोदयस्वामित्व पूर्वोक्त से शेष रही प्रकृतियों का जघन्य प्रदेशोदयस्वामित्व
१० - सत्ताप्रकरण सत्ता के भेद और मूल प्रकृतियों की सादि-अनादि प्ररूपणा दृष्टिद्विक, आयुचतुष्क, गतिषट्क, तनुचतुर्दशक, तीर्थंकरनाम और उच्चगोत्र की सादि-अनादि प्ररूपणा छद्मस्थ संबंधी ज्ञानावरणपंचक, दर्शनावरणचतुष्क, अन्तरायपंचक, आयुचतुष्क, सत्कर्मस्वामित्व । मिथ्यात्वप्रकृति सत्कर्मस्वामित्व मिश्रमोहनीय और अनन्तानुबंधी का सत्कर्मस्वामित्व अप्रत्याख्यानावरणचतुष्क और प्रत्याख्यानावरणचतुष्क, एकान्त नरकतिर्यंच प्रायोग्य और निद्राद्विक का सत्कर्मस्वामित्व स्त्रीवेद, नपुंसकवेद, हास्यषट्क, पुरुषवेद, संज्वलनलोभ का सत्कर्मस्वामित्व
गाथा - १
३४९
गाथा - २
३५०
गाथा-३
३५१
३५१
गाथा-४ गाथा -५ गाथा -६
३५२ ३५३
गाथा -७
३५४
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