Book Title: Bharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Author(s): Siddheshwar Shastri Chitrav
Publisher: Bharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
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महाभिष
प्राचीन चरित्रकोश
महालक्ष्मी
को देख कर, ब्रह्मा ने दोनों को मृत्युलोक में जन्म लेने के | महामुख--जयद्रथ की सेना का एक योद्धा, जो लिए शाप दिया।
द्रौपदीहरण के समय हुए युद्ध में, नकुल के द्वारा मारा यह सुन कर दोनों ने ब्रह्मदेव की क्षमा माँगते हुए अत्य- | गया (म..व. २५५.१६-१७)।। धिक अनुनय विनय किया । तब ब्रह्मा ने कहा, 'तुम लोग महामुद--एक यक्ष, जो मणिवर एवं देवजनी के स्वर्गलोक वापस आओगे, किन्तु इसके लिए तुम दोनो को पुत्रों में से एक था। न जाने कितना पुण्य करना पड़ेगा।
महामुनि-रैवत मन्वन्तर के सप्तर्षियों में से एक । इस शाप के अनुसार, महाभिष सोमवंश में उत्पन्न
| महामूर्ति--विभीषण की पत्नी। राम दाशरथि के होकर शंतनु नाम से प्रसिद्ध हुआ, तथा गंगा इसकी पत्नी अश्वमेध यज्ञ के समय, इसने अपने पति विभीषण के बनी (म. आ. ९१.१; दे. भा. २.३; भा. ९.२२;शंतनु साथ सरयु नदी के तट पर जा कर, उस नदी का पवित्र देखिये)।
जल अश्वमेधीय अश्व के स्नान के लिये लाया। आगे चल महाभोज-(सो. क्रोष्टु.) एक यादव राजा, जो | कर, उसी जल से राम ने अपने अश्वमेधीय अश्व को सात्वत राजा का पुत्र था। आगे चल कर, इसके नाम से स्नान कराया (पन्न. पा. ६७)। इसके वंशज 'भोजवंशीय' कहलाने लगे (भा. ९.२४.
महायशस्--(सो. पूरु.) एक पूरुवंशीय राजा, जो ७-११)।
मत्स्य के अनुसार संकृति राजा का पुत्र था। महाभौम-(सो. पूरु.) एक पूरुवंशीय राजा, जो २. प्रसूतदेवों में से एक। अरिह राजा का पुत्र था। इसकी माता का नाम आंगी ३. लेखदेवों में से एक। था। इसकी पत्नी का नाम सुयज्ञा था, जिससे इसे
महायशा--स्कंद की अनुचरी एक मातृका (म. श. अयुतानायिन् नामक पुत्र उत्पन्न हुआ (म. आ. ९०.४५.२७)। ८९९% ९०.१९)।
महायोग--गुहवा सिन् नामक शिवावतार का एक महामख---एक आदित्य, जो सवितृ नामक आदित्य | शिष्य । का पुत्र था । इसकी माता का नाम पृष्णि था (भा. ६. महारथ--विश्वामित्र के पुत्रों में से एक। १८.१)।
२. (सो. ऋक्षः) उपरिचर वसु राजा के बृहद्रथ महामणि--(सो. अनु.) एक अनुवंशीय राजा, जो नामक पुत्र का नामान्तर। , विष्णु के अनुसार जनमेजय राजा का पुत्र था। इसके पुत्र महारव-एक यादव राजा, जो रैवतक पर्वत पर हुए का नाम महामनस् था।
| उत्सव में शामिल था (म. आ. २११.११)। इसके नाम महामती-अंगिरस् ऋषि की सात कन्याओं में से | के लिए सदाचा एक (म. व.२०८.७)।
महाराज--एक इक्ष्वाकुवशीय राजा, जो भागवत के महामनस्-(सो. अनु.) एक चक्रवर्ती राजा, जो मत्स्य | अनुसार अज राजा का पुत्र था। एवं वायु के अनुसार महाशाल नामक राजा का पुत्र २. ब्रह्म में निर्दिष्ट एक राजा, जिसकी कन्या का विवाह था (वायु. ९९.१७)। विष्णु में इसे महामणि राजा का मणिकुण्डल नामक राजा से हुआ था (मणिकुण्डल पुत्र कहा गया है । इसे उशीनर एवं तितिक्षु नामक दो | देखिये)। पुत्र उत्पन्न हुए थे।
महारोमन्-(सू. निमि.) विदेह देश का राजा, जो महामर-एक राजा, जो प्रमर नामक राजा का पुत्र कृतिरात जनक का पुत्र था । इसके पुत्र का नाम स्वर्णरोमन् था। इसने तीन वर्षों तक राज्य किया था (भवि. प्रति. | था। ४.१)।
महारौद्र--एक राक्षस, जो घटो कच का साथी था। महामान--पारावत देवों में से एक ।
भारतीययुद्ध में यह दुर्योधन के द्वारा मारा गया (म. महामालिन्-एक राक्षस, जो खर राक्षस का अमात्य | भी. ९१.२०-२१)। था (वा. रा. अर. २३.३२)।
महालक्ष्मी--देवी लक्ष्मी का एक नामान्तर (देवी २. रावण के पक्ष का एक असुर ।
एवं लक्ष्मी देखिये)। ६३०