Book Title: Bharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Author(s): Siddheshwar Shastri Chitrav
Publisher: Bharatiya Charitra Kosh Mandal Puna

View full book text
Previous | Next

Page 1201
________________ शौनक कालनिर्णयकोश हिरण्यकशिपु २. ई. पू. ११०२-१०९० (पु. नि. २८६)। यह वर्ष) के पहले इस सृष्टि की उत्पत्ति हुई थी। भूगर्भशास्त्रशतानीकपुत्र जनमेजय राजा का समकालीन था। ज्ञों के अनुसार यही काल १।। अब्ज-३ अब्ज वर्ष मानी. श्रीशातकर्णि-- (आंध्र. भविष्य.) ई. पू. १५०- | गयी है। १४० (पु. नि. २१८)। ! धार्मिक संकल्प में 'अद्य ब्रह्मणो द्वितीये परार्धे, श्रीश्वेतश्वेतकेतु--ई. पू. २१०२ (ध. र. १७९)।। वाराहकल्पे, वैवस्वत मन्वन्तरे, कलियुगे इत्यादि शब्दों सहस्रार्जुन--(सो. सह.) ई. पू. १५८७-१५६७ में इस शक का निर्देश प्राप्त है। (पु. नि. २८४)। स्वायंभुव मनु-- ई. स. पू. ३१०२ (पु. नि. सावर्णि मनु-ई. पू. १६७८-१६७४(ध. र. २०६)। ३१५)। इसका एवं इसके वंशजों का राज्यकाल ई. ५. सुपर्ण-(सू. इ. भविष्य. ) ई. पू. ९५० (ध. र. | | २६७०-२१५० माना जाता है (डॉ. दप्तरी)। १७१)। सुमित्र--(सू. इ. भविष्य.) मृत्यु-ई. पू. ३८४ | हाल--(आंध्र. भविष्य.) ई. स. ९९-१०२ (पु. (पु. नि. २१४; २७९); ई. पू. ६०१ (डॉ. दप्तरी)। नि. २१९)। सृष्टि-उत्पत्तिशक-- पौराणिक कालगणना के हिरण्यकशिपु (असुर )-- ई. पृ. १६९०-१६७८. अनुसार लगभग दो अब्ज ( वर्षों १, ९६,०८, ५३०३४ । (डॉ. दप्तरी)। १९८०

Loading...

Page Navigation
1 ... 1199 1200 1201 1202 1203 1204 1205 1206 1207 1208 1209 1210 1211 1212 1213 1214 1215 1216 1217 1218 1219 1220 1221 1222 1223 1224 1225 1226 1227 1228