Book Title: Bharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Author(s): Siddheshwar Shastri Chitrav
Publisher: Bharatiya Charitra Kosh Mandal Puna

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Page 1199
________________ दक्ष प्रजापति कालनिर्णयकोश मन्वन्तर दक्ष प्रजापति--ई. पू. ५७७४ (पु. नि. ३१४)। प्रद्योत--(प्रद्योत. भविष्य.) ई. पू. ४७० (पु. नि. २. (स्वायंभुव )-ई. पू. २६५४ (डॉ. दप्तरी)। | १९२)। आधुनिक इतिहास की दृष्टि से इसका राज्यकाल ३. (चाक्षुष)-राज्यकाल-ई. पू. २२०६-ई. पू. | ई. पू. ९२०-ई. पू. ७८२ माना जाता है। २१५०। प्रसेनजित्--(सू. इ. भविष्य.) ई. पू. ६०० दिवाकर--(सू. इ. भविष्य.) ई. पू. ११०६ (ध. (पु. नि. २७९)। यह बुद्ध का समकालीन राजा था। र. १७१)। बलि वैरोचन--इंद्रपदप्राप्ति- ई. पू. १६७८ (डॉ. दीर्घतमस् (ऋषि)--ई. पू. २००० (पु. नि. २८१)। । दप्तरी)। दुर्योधन-वध-पौष अमावस्या (भा. सा.)। बुद्ध--ई. पू. ७९४-ई. पू. ५१० (पु. नि. ४६७)। द्रपद--वध-पौष कृष्ण १३ (भा. सा.)। आधुनिक इतिहास की दृष्टि से गौतम बुद्ध का निर्वाण द्रोण--वध-पौष कृष्ण १२ (भा. सा.)। काल ई. पू. ५४४ माना जाता है। धृष्टद्यम्न-वध- पौष अमावस्या (भा. सा.)। बृहद्रथ--(सो. मगध.) ई. पू. १४०१ ( डॉ. दसरी) नंद वंश-(नंद. भविष्य.) राज्यकाल-ई. पू.३८४३१२ (पु. नि. २०२); ई. पू. ४२२-ई. पू. ३२२ | भगदत्त--वध--पौष कृष्ण १० ( भा. ६)। (ध. र. २१७)। भर्तृहरि--ई. स. ६१० (पु. नि. २९१)। नारायण--(कण्व. भविष्य.) मृत्यु- ई. पू. ६५ | __ भास (कवि)--ई. स. २००-३०० (गी. रं. ५५५)। (डॉ. दप्तरी)। भीष्म-पतन-पौष कृष्ण ८; निर्याण-फाल्गुन कृष्ण ८ । निमि-(सू. निमि.) ई. पू. २१०२ (पु. नि.२७८)। मगध वंश-(सो. मगध. भविष्य.) राज्यकालं पंचशिख (आचार्य)--ई. पू. २१०२ (पु. नि. | ई. पू. १९२०-ई. पू. ९२०। .. २७८)। मनु (स्वायंभुव)-ई. पू. २६७० (रा. का. नि. २. बुद्ध के समकालीन एक आचार्य (म. उ. ५९)। | ५५)। परशुराम( जामदग्न्य )-- जन्म-ई. पू. १५८८ मन्द (असुर देश का शूद्र राजवंश)--राज्यकाल-- (पु. नि. २६७)। आधुनिक इतिहास की दृष्टि से परशुराम एवं उसके 'भार्गव' वंशजों का काल ई. पू. २५५०-२३५० | ई. पू. ७००--ई. पू. ५५० (पु. नि. २९४ )। माना जाता है (वेदिक एज, २८९)। मन्वन्तर--विभिन्न मन्वन्तरों का कालनिर्णय निम्न प्रकार है:परिक्षित्--(सो. कुरु.) ई. पू. १२६३ (पु. नि. १९१)। पालक--(प्रद्योत. भविष्य.) ई. स. ४७० (पु. मन्वन्तर कालमर्यादा नि. १९२)। पुरूरवस् – ई. पू. २१७७ (पु. नि. २७७; २७९)। स्वायंभुव मन्वन्तर ई. पू. २७७०-२६६६ स्वारोचिष मन्वन्तर - इसीके राज्यकाल में पहला द्वादशवर्षीय सत्र संपन्न उत्तम मन्वन्तर ई. पू. २६६६-२६२२ हुआ था (ध. र. १५०)। तामस मन्वन्तर पुलोमत्--(आंध्र. भविष्य.) ई. स. २४९-२५० रैवत मन्वन्तर ई. पू. २६२२-२४२२ (पु. नि. २२०); ई. स. २११-२२५ (स्मिथ)। चाक्षुष मन्वन्तर ई. पू. २४२२-२१५० वैवस्वत मन्वन्तर ई. पू. २१५० से आगे। पुष्यमित्र--( शुंग. भविष्य.) राज्यकाल-ई. पू. आधुनिक इतिहास की दृष्टि से १७५-१३९ (पु. नि. २८९); ई. पू. १८४-१४८; वैवस्वत मनु का काल ई. पू. जन्मकाल-ई. पू. २१३; अश्वमेधारंभ ई. पू. १७५ ३१०० माना जाता है। (युग पुराण)। पृषदश्व--ई.पू. २१०२.(पु. नि. २७९)। (रा. का. नि. ४६-५६) ११७८

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