Book Title: Bharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Author(s): Siddheshwar Shastri Chitrav
Publisher: Bharatiya Charitra Kosh Mandal Puna

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Page 1210
________________ शाकल प्राचीन चरित्रकोश सत्राजित् ...९५६ शाकल ...९५५-९५६ | शूर ....९८०-९८१ ब्राह्मण ग्रंथों में; व्याकरण ग्रंथों में; शाकल शाखा; परिवार, अन्य पत्नियाँ । शाकल्य संहिता।। शौनक गृत्समद .. ९८५-९८७ शाकल्य ___ जन्मवृत्त; पौराणिक साहित्य में; कर्तृत्व; ऋग्वेद की शाखाप्रवर्तक आचार्य पदपाठ का रचयिता; व्याक- अनुक्रमणी; गृहपति' शौनका प्रमुख ग्रंथ; अन्य ग्रंथ; रणाचार्य; पाणिनि के अष्टध्यायी में, याज्ञवल्क्य से संघर्ष; व्याकरणशास्त्रकार; शिक्षाकार शौनक; तत्त्वज्ञानी शौनक; पौराणिक साहित्य में; ग्रंथ। । शिष्यपरंपरा। शांखायन ___...९५७-९५८ श्वेतकेतु औद्दालकि आरूणेय ...९९५-९९७ शांखायन संहिता; शांखायन ब्राह्मण; शाखायन आर- | निवासस्थान; कालनिर्णय; बाल्यकाल; विद्यार्जन; घमण्डिण्यक:शांखायन (कौषीतकि) उपनिषद; शांखायन श्रौतसूत्र; पन; 'तत्त्वमसि' उपदेश; यज्ञसंस्था का आचार्य शांखायन गृह्यसूत्र; आचार्यपरंपरा । धर्मसूत्रों में; कामशास्त्र का प्रणयिता; महाभारत में; शाट्यायनि .....९५८-९५९ | परिवार। आचार्यपरंपरा; शाट्यायन ब्राह्मण; जैमिनीय उप- | संवरण ...९९९-१००० -निषद् ब्राह्मण (गाव्युपनिषद); शिष्यपरंपरा। | राज्य से पदच्युति; तपती से विवाह; परिवार । शांडिल्य ...९५९-९६० | संवर्त यज्ञप्रक्रियों का आचार्य शतपथ ब्राह्मण के अमिकांड; संवर्त स्मृति । 'बृहदारण्यक उपनिषद' में; तत्त्वज्ञान; आत्मा का स्वरूप; संवर्त आंगिरस गोत्रकार आचार्य; ग्रंथ। वैदिक साहित्य में; बृहस्पति से ईर्ष्याः देवताओं पर शाल्व . ...९६६-९६७ प्रभाव; कुणप-आख्यान । . जरासंधदौत्य; सौभ विमान की प्राप्ति, प्रद्युम्न से सगर ...१००१-१००२ युद्ध; कृष्ण से युद्ध; भीष्म से युद्ध; भारतीय युद्ध में।। जन्म: शिक्षा; पराक्रम; अश्वमेध यज्ञ; परिवार; पुत्र । शिखण्डिन् ...९६७-९६८ संजय गावल्गणि ...१००४-१००५ - बाल्यकाल एवं विवाह; भारतीय युद्ध में; भीष्मवध | धृतराष्ट्र का प्रतिनिधित्व; धृतराष्ट्र को उपदेश; श्रीकृष्ण 'वध; भीष्मवध का पूर्ववृत्त । की महिमा; दिव्यदृष्टि की प्राप्ति; युद्ध वार्ता कथन; युद्ध में शिवि औशीनर (औशीनरि) ...९७०-९७१ उपस्थिति; युद्धोपरांत; वनगमन। .. वैदिक साहित्य में; महाभारत एवं पुराणों में; औदार्य; सत्यकाम जाबाल १००७-१००८ 'औदार्य की अन्य कथाएँ; पुण्यशील राजा; दान का ___ जन्म; शिक्षा; ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति; तत्त्वज्ञान; सृष्टि का महत्त्व; मृत्यु, परिवार। आद्य आधिष्ठान; सत्यकाम-उपकोसल संवाद; अन्य शिशुपाल ...९७३-९७४ निर्देश । ___ जन्म; कृष्ण का विद्वेष; शिशुपाल के अनाचार; कृष्ण | सत्यभामा १००९-१०१० की निंदा; शिशुपालवधी परिवार। प्रासाद; सत्राजित् का वध; पारिजात वृक्ष की प्राप्ति; शुक वैयासकि ....९७५-९७६ | द्रौपदी से उपदेश; भोलापन; कृष्णनिर्वाण के पश्चात् ; ___ जन्म, विद्याध्ययन; विरक्ति; भागवत का कथन; व्यास परिवार। . शुक संवाद; शुक-निर्वाण; व्यास से तुलना। सत्यवत ....१०१३ शुक उशनम् : ...९७६ -९७७ तपस्या; मत्स्यावतार; आत्मज्ञान की प्राप्ति, सत्यव्रतदैत्यों का आचार्य संजीवनी विद्या; बार्हस्पत्यशास्त्र | कथा का अन्वयार्थ । परिवार। सत्राजित् अथवा सत्राजित ...१०१४-१०१५ शुनःशेप आजीगति ...९७८-९७९ पूर्वजन्म; स्यमंतक मणि की प्राप्ति; श्रीकृष्ण पर चोरी का हरिश्चंद्राख्यान, पौराणिक साहित्य में; शुनःशेपकथा | दोषारोपण; स्यमंतक मणि की खोज; कृष्ण-सत्यभामा का अन्वयार्थ। विवाह; वधः शतधन्वन् का वध; निरुक्त में परिवार । ११८९

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