Book Title: Bharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Author(s): Siddheshwar Shastri Chitrav
Publisher: Bharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
View full book text
________________
विचित्रवीर्य
प्राचीन चरित्रकोश
विजय
विचित्रवीर्य-(सो. पूरु.) एक राजा, जो शंतनु ७. (सू. इ.) एक क्षत्रिय विजेता सम्राट् , जो भागवत एवं सत्यवती से उत्पन्न दो पुत्रों में कनिष्ठ पुत्र था। इसके के अनुसार चंप राजा का, एवं वायु, विष्णु एवं भविष्य ज्येष्ठ भाई का नाम चित्रांगद था।
के अनुसार चचु राजा का पुत्र था। इसके पुत्र का नाम गंधर्व युद्ध में इसके ज्येष्ठ बन्धु चित्रांगद की मृत्यु हो | रुरुक था। गयी, जिस कारण कनिष्ठ होते हुए भी भीष्म ने इसे । ८. विष्ण के जय-विजय नामक दो द्वारपालों में से राजगद्दी पर बैठाया (म. आ. ९५.१३)। यह भीष्म | एक (जय-विजय देखिये)। की आज्ञा से ही राज्यशासन करता था।
९. कृष्ण एवं जांबवती के पुत्रों में से एक । विवाह एवं मृत्यु- भीष्म ने काशिराज की कन्याएँ
१०. विष्णु का एक पार्षद (भा. ८.२१.१६ )। अंबा, अंबिका एवं अंबालिका को स्वयंवर में जीत लिया,
११. (आंध्र. भविष्य.) एक आंध्रवंशीय राजा, जो एवं उनका विवाह इससे करना चाहा । किन्तु उनमें से |
यज्ञश्री ( यज्ञ) राजा का पुत्र था । इसके पुत्र का नाम अंबा ने इससे विवाह करने से इन्कार कर दिया। इसी
चंद्रविज्ञ था। इसने छः वर्षों तक राज्य किया था (भा. कारण, भीष्म ने बिका एवं अंबालिका से इसका विवाह करा
१२.१.२७)। दिया । असंयमपूर्ण जीवन के कारण, यह राजयक्ष्मा का
१२. राम दाशरथि राजा के अष्टप्रधानों में से एक। शिकार बन गया, एवं अल्पवय में ही अनपत्य अवस्था में
१३. राम दाशरथि राजा की सभा का एक विदूषक । इसकी मृत्यु हुई (म. आ. ९६.५७-५८)।
१४. भव्य देवों में से एक। इसकी मृत्यु के पश्चात् , भीष्म ने इसकी पत्नियाँ अंबिका एवं अंबालिका को नियोग-पद्धति से संतति
१५. पृथुक देवों में से एक। उत्पन्न करने की आज्ञा दी। तदनुसार, कृष्णद्वैपायन व्यास
१६. एक यक्ष, जो मणिवर एवं देवजनी के पुत्रों में से अंबिका एवं अंबालिका को क्रमशः धृतराष्ट्र एवं पाण्डु
से एक था (ब्रह्मांड, ३.७.१३०)। नामक पुत्र उत्पन्न हुए। अंत्रिका की दासी से विदुर उत्पन्न १७. अज्ञातवास के समय अर्जुन के द्वारा धारण — हुआ (म. आ. ९०.६०)।
किया गया एक गुप्त सांकेतिक नाम (म. वि. ५.३०)। .. २. एक शिवभक्त, जो शिव की उपासना के कारण अर्जन के सविख्यात नामांतरों में से 'विजय' एक था. ' जीवन्मुक्त हुआ था (स्कंद. १.३३)।
| एवं इसी नाम से उसने कालकेयों को परास्त किया था . विचेतस्-भव्य देवों में से एक ।
| (भा. १.९.३३)। विजय-(सो. अनु.) एक राजा, जो बृहन्मनस्
१८. धृतराष्ट्र के शतपुत्रों में से एक । भारतीय युद्ध - राजा का पुत्र था। इसकी माता का नाम सत्या था।
| में, इसने जय एवं दुर्जय नामक अपने भाइयों को साथ ले . २. (सू. निमि.) एक राजा, जो भागवत, विष्णु एवं
| कर, नील, काश्य एवं जयत्सेन राजाओं से युद्ध किया था वायु के अनुसार जय राजा का पुत्र था। इसके पुत्र का ।।
| (म. द्रो. २४.४३ )। इसने सात्यकि एवं अर्जुन से भी नाम ऋा (ऋतु) था (भा. ०.१३.२५)।
| युद्ध किया था (म. द्रो. ९२.८)। ३. (सो. क्षत्र.) एक राजा, जो भागवत एवं विष्णु
१९. (सू. इ.) एक राजा, जो सुदेव राजा का पुत्र, के अनुसार संजय राजा का पुत्र था । वायु में इसे संजय
एवं भरुक राजा का पिता था (भा. ९.८.१)। राजा का पौत्र, एवं जय राजा का पुत्र कहा गया है।
२०. मगधदेश का एक ब्राह्मण, जिसने घटोत्कचपुत्र ४. (सो. पुरूरवस् .) एक राजा, जो भागवत के
बर्बरिक को देवी की कृपा प्राप्त कराने में सहाय्यता दी थी अनुसार पुरूरवस् एवं उर्वशी का पुत्र था। इसके पुत्र
(कंद. १.२.६०-६६)। का नाम भीम था (भा. ९.१५.१-३)। अन्यत्र इसे
२१. लोकाक्षि नामक शिवावतार का एक शिष्य । 'अमावसु' कहा गया है।
५. (सो. वसु.) एक यादव राजा, जो वसुदेव एवं २२. भैरववंश में उत्पन्न वाराणसी नगरी का एक राजा, उपदेवी का पुत्र था (मत्स्य. ४६.१७)।
जिसने खाण्डवी नगरी नष्ट कर, वहाँ खाण्डववन का निर्माण ६. (सो. अनु.) एक राजा, जो भागवत, विष्णु, वायु किया था। पश्चात् वह वन इसने इंद्र को क्रीडा करने के एवं मत्स्य के अनुसार जयद्रथ राजा का पुत्र था। इसके लिए दिया । इसके कुल तेरह पुत्र थे, जिनमें उपरिचर का नाम धृति था।
सर्वाधिक बलवान् एवं धार्मिक था (कालि. ९२)। प्रा. च. १०६]