Book Title: Bharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Author(s): Siddheshwar Shastri Chitrav
Publisher: Bharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
View full book text
________________
शुभ
प्राचीन चरित्रकोश
शंभ-एक असुर, जो तारकासुर का सेनापति था। बताया गया है। पतंजलि के व्याकरण महाभाष्य में इन इसका वाहन मेंढक था। यह दुर्गा के द्वारा मारा गया लोगों का निर्देश आभीर लोगों के साथ प्राप्त है (महा. (मत्स्य. १५१.५)।
१.२५२)। २. रामसेना का एक वानर ।
पौराणिक साहित्य में--महाभारत में इनका निर्देश ३. जालंधर दैत्य का प्रिय दैत्य । स्वर्ग जीतने के पश्चात्
आभीर लोगों के साथ प्राप्त है, एवं इनका निवासस्थान जालंधर ने इसे अमरावती का राज्य प्रदान किया था
पश्चिम राजपुताना प्रदेश में 'विनशन-तीर्थ' के समीप (पद्म. ३.८)।
बताया गया है (म. श. ३७.१)। मार्कंडेय पुराण में शंभ-निशंभ--पाताललोक में रहनेवाले राक्षस- | इन्हें अपरान्त प्रदेश का निवासी बताया गया है, एवं द्वय । इनके आश्रितों में चंड-मुंड, रक्तबीज एवं धूम्र- | इनका निर्देश बाल्हीक, वातधान, आभीर, पल्लव लोगों के लोचन आदि प्रमुख थे। ब्रह्मा ने इन्हें वरप्रदान किया साथ प्राप्त है। था कि, सृष्टि के किसी भी पुरुष के लिए ये अवध्य
युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के समय, नकुल ने अपने रहेंगे। इस वर-प्रसाद के कारण ये अत्यंत उन्मत्त बन, पश्चिम दिग्विजय के समय इन्हें जीता था (म. स. ३२. एवं अपने गुरु भृगु की सलाह के अनुसार पाताललोक में | भारतीय यट में ये लोग औरतो पण शामिल राज्य करने लगे। इनके राज्य में शंभ राजा का, एवं निशुंभ
थे एवं कर्ण के सेवादल में समाविष्ट थे (म. द्रो. ६.६अमात्य का काम करने लगे । अन्त में कालिका देवी दे
१६)। इनका इनके परिवार के सभी राक्षसों के साथ वध किया
शूद्रा--अत्रि ऋषि की दस पत्नियों में से एक, जो (दे. भा. ५.२१-३१; स्कंद. १.३.२-१७; मार्क. ८६)।
भद्राश्व एवं घृताची की कन्या थी (ब्रह्मांड. ३.८.७५) शुल्ब--उदंक ऋषि का पिता। शुष्क-गोकर्ण क्षेत्र में रहनेवाला एक मुनि। भगीरथ |
शून्यपाल ---एक ऋषि, जो हस्तिनापुर जानेघाले
श्रीकृष्ण से मिला था। के द्वारा गंगा भूतल में लायी जाने पर, समुद्र का पानी बढ़ने लगा, एवं पृथ्वी पर स्थित सारे समुद्रवर्ती तीर्थक्षेत्र शून्यबन्धु--(सू. दिष्ट.) एक राजा, जो भागवत के डूबने लगे। उस समय अन्य सभी ऋषियों के साथ | अनुसार तृणबिन्दु राजा का पुत्र था । यह महेंद्र पर्वत पर रहनेवाले परशुराम से मिलने गया। शूर-(सो. यदु. सह.) एक राजा, जो विष्णु, मत्स्य इसने परशुराम से प्रार्थना कि, वह हाथ में शस्त्र धारण | एवं वायु के अनुसार हैहय राजा कार्तवीर्यार्जुन के पाँच कर समुद्र को हटाये, एवं इस प्रकार तीर्थक्षेत्रों का रक्षण | पुत्रों में से एक था (ब्रह्मांड. ३.४१.१३; मत्स्य. ४३. करे। इसकी प्रार्थना के अनुसार परशुराम ने गोकर्ण क्षेत्र | ४६)। परशुराम ने इसका वध किया। का पुनरुद्धार किया (ब्रह्मांड. ३.५७-५८)।
२. (सो. द्रुह्यु.) एक राजा, जो मत्स्य के अनुसार शुष्क गार--एक आचार्य (कौ. उ. २.६; सां. द्रुह्य राजा का पुत्र था । .. श्री. १७.७.१३)।
। ३. (सो. यदु. क्रोष्टु.) एक यादव राजा, जो वसुदेव का शकरेवती--एक देवी, जिसने अंधकासुर का वध | पिता एवं कृष्ण का पितामह था। भारत के अनुसार यह किया था (अंधक देखिये)।
देवमीद राजा का, एवं विष्णु एवं मत्स्य के अनुसार देवशुष्ण--एक असुर, जिसका इंद्र ने कुत्स के संरक्षण | मीढुष राजा का पुत्र था। कई ग्रंथों में इसे चित्ररथ राजा के लिए वध किया था (ऋ. २. १९६)।
का पुत्र कहा गया है। संभवतः 'चित्ररथ देवगीढ राजा शुष्मायण सोम-अट्ठाईस व्यासों में से एक। का ही नामान्तर था (म. अनु. १४७.२९-३२)। इसे
शष्मिण--शिबियों के राजा अमित्रतपन का पैतृक | राजाधिदेव नामान्तर भी प्राप्त था। नाम।
परिवार--आर्यक नाग की कन्या भोजा या मारिषा शद--एक जातिसमूह, जो सिंकदर के आक्रमण के इसकी पत्नी थी, जिससे इसे निम्नलिखित पुत्र उत्पन्न समय उत्तर भारत में निवास करती थी। युनानी साहित्य हुए थे:--१. वसुदेवः २. देवभाग; ३. देवश्रवस्; में इनका निर्देश 'सोद्राय' नाम से किया गया है, एवं मूषक ४. आनकः ५. मुंजय; ६. श्यामक; ७. कंक; ८. शमीक; लोगों के साथ आधुनिक सिंध प्रदेश में इनका निवासस्थान । ९. वत्सक १०. वृक।
९८०