Book Title: Bharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Author(s): Siddheshwar Shastri Chitrav
Publisher: Bharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
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युधिष्ठिर
प्राचीन चरित्रकोश
युधिष्ठिर
=१० आनीकिनी)
२१८७०
आनीकिनी अक्षौहिणी
२१८७२१८७०
२१८७
१०९३५० ३६४५ । १०९३५
(म. आ. २.१५-२३)
७२९
७२९
२१८७
२४३
२४३
७२९
१२१५
चमू
पृतना सेनागणनापद्धति की तालिका " (= ३ गुल्म) (= ३ गण)= ३ वाहिनी)= ३ पृतना) (= ३ चमू )
| वाहिनी
गण | गुल्म
(= ३ सेनासेनामुख (%3D३ पत्ती)
२४३
४०५
२७
२७
८१
उसमें कुछ तथ्य नहीं प्रतीत होता है, क्यों कि, पाण्डव एवं कौरव इन दोनो पक्ष में शामिल हुए राजाओं में कौनसा भी वांशिक साधर्म्य नही था । इन दोनों पक्षों में शामिल होनेवाले देश प्रायः सर्वत्र अपने राना के कारण विशिष्ट पक्ष में आये थे, एवं बहुत सारे स्थानों पर राजा एवं प्रजा अलग अलग वंशों के थे।
युद्धशिबिर-पाण्डवों के पक्ष का युद्ध शिबिर मत्स्य देश की राजधानी उपप्लव्य नगरी में था, एवं समस्त मत्स्य देश में उनकी सेना एकत्रित की गयी थी। कौरवपक्ष का युद्धशिबिर कुरु देश की राजधानी हस्तिनापुर में था। किन्तु उनका सैन्यविस्तार इतना प्रचंड था कि, दक्षिण पंजाब से ले कर उत्तर कुरुक्षेत्र से होता हुआ वह उत्तर पंचाल देश तक अर्धचंद्राकृति वह फैला हुआ था। उस शिबिर का विस्तार ५ योजन (४० मील) था । एक प्रचंड नगर के समान उसकी शान थी, एवं वहाँ नौकर, शिल्पी, सूतमागध, गणिका आदि सारा परिवार उपस्थित था (म. उ. १. १९६,१५)। - सांख्यिक बलाबल-भारतीय युद्ध में पाण्डवों की सेना. संख्या सात अक्षौहिणी एवं कौरवों की सेनासंख्या ग्यारह • अक्षौहिणी थी। कौरव पक्ष की ग्यारह अक्षौहिणी सेना | में से एक एक अक्षौहिणी सेना निम्नलिखित दस राजाओं
के द्वारा लायी गयी थी-भगदत्त, भूरिश्रवस् ,कृतवर्मन् , -विंद, जयद्रथ, अनुविंद, सुशर्मन, नील, केकय, एवं कांबोज ।
महाभारत में निर्दिष्ट 'अक्षौहिणी,' सैन्यसंख्या दर्शाने- वाली एक सामान्य गणनापद्धति न हो कर,वह रथ, हाथी,
अश्व, पैदल आदि विभिन्न प्रकार के सैनिकों से बना हुआ एक 'सैनिकी विभाग' था। इस तरह एक अक्षौहिणी सेना में १०९३५० पैदल, ६५६१० अश्वदल, २१८७० गजदल, एवं २१८७० रथों का समावेश होता था। यह सेनाविभाग पत्ती, सेनामुख, गुल्म आदि उपविभागों में विभाजित किया जाता था, जिनमें से हर एक की गणसंख्या निम्नप्रकार रहती थी (सेनागणना पद्धति की तालिका दखिये)।
सेनाप्रमुख एवं सेनापति--पाण्डवों की सात अक्षौहिणी | पाण्डवों के सेना में से रथी महारथी आदी विभिन्न श्रेणियों सेना के निन्मलिखित सात सेनाप्रमुख (अधिपति) चुने गये | के योद्धाओं की विस्तृत जानकारी महाभारत में प्राप्त है थेः-द्रुपद, विराट, धृष्टद्युन्म, भीम, शिखंडिन्, चेकितान | ( भीष्म देखिये)। एवं सात्यकि । पाण्डवों का मुख्य सेनापति धृष्टद्युम्न था, जो कौरव पक्ष के ग्यारह अक्षौहिणी सेना के निम्नलिखित युद्ध के मठरह दिन सैनापत्य का काम निभाता रहा। सेनाप्रमुख चुने गये थे:-कृप, द्रोण, शल्य, कांबोज, कृतपाण्डव सेना का सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक श्रीकृष्ण ही था।। वर्मन्, कर्ण, अश्वत्थामन् ,भूरिश्रवस् , जयद्रथ, सुदक्षिण एवं
७०३
१३५
__ २७
.१५
५
पत्ती
हाथी
अश्व
रथ
पैदल पैदल