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लक्ष्य और मार्ग
ये सारे प्रयोग प्रेक्षाध्यान के प्राण तत्त्व हैं । सघन आस्था और दृढ़ संकल्प के साथ इनकी साधना करने वाला व्यक्ति स्वस्थ, शांत एवं पवित्र जीवन का रहस्य उपलब्ध कर लेता है । उसके चरण सदा लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ते चले जाते हैं । शुद्ध साध्य की उपलब्धि का विशुद्ध साधन है प्रेक्षाध्यान । हम इस साधना-मार्ग को अपनाएं, लक्ष्य निकट आता चला जाएगा।
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