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अपना दर्पणः अपना बिम्ब प्रतिक्रिया की एक श्रृंखला चल पड़ेगी । जहां कषाय उपशान्त है वहां प्रतिक्रिया होगी, किन्तु उसकी श्रृंखला नहीं बन पाएगी । वह प्रतिक्रिया अप्रतिक्रिया में बदल जाएगी
'कषाया कुलचित्तस्य, प्रतिक्रिया प्रतिक्रिया । उपशान्तकषायस्य, प्रतिकिया प्रतिक्रिया ।।' हम इन समीकरणों पर ध्यान देंकषाय + प्रतिक्रिया = शत्रुता अकषाय + प्रतिक्रिया = मित्रता
प्रतिक्रिया मध्य में है । जिस प्रतिक्रिया में कषाय प्रबल है, वह शत्रुता का कारण बनेगी । जिस प्रतिक्रिया में कषाय उपशान्त है, वह मित्रता का कारण बनेगी। प्रतिक्रिया : व्यक्तित्व का अंकन
एक व्यक्ति ने दवा ली । उसे पूछा गया-दवा का असर हुआ? उत्तर मिला कुछ नहीं हुआ । दवा ली और असर नहीं हुआ तो दवा लेने का अर्थ ही क्या है? दवा ली है तो उसका असर होना चाहिए। एक व्यक्ति ने दूसरे को गाली दी । व्यक्ति गाली सुनकर भी शान्त बना रहा। किसी ने पूछा-तुम्हारी गाली का क्या असर हुआ? उसने उत्तर दिया कुछ भी नहीं । गाली दी और असर नहीं हुआ, इसका अर्थ है-तुम्हारा गाली देना व्यर्थ चला गया । गाली का कुछ तो असर होना चाहिए । इसका तात्पर्य यह है-प्रतिक्रिया होनी चाहिए। प्रतिक्रिया के आधार पर व्यक्तित्व को आंका जाता है । प्रतिक्रिया : तीन स्थितियां
मनोविज्ञान में तीन शब्द आते हैं-रिएक्शन फोरमेशन, रिएक्शन टाइम और रिएक्शन वर्ड । प्रतिक्रिया का होना, प्रतिक्रिया का काल और प्रतिक्रिया का शब्द । व्यक्ति पहचाना जाता है प्रतिक्रिया के शब्द से। प्रतिक्रिया के शब्द से व्यक्ति के मानस को समझा जा सकता है । किस अवस्था में कौन व्यक्ति
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