Book Title: Apna Darpan Apna Bimb
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 207
________________ १६० अपना दर्पणः अपना बिम्ब है अर्हत् । जो साधना के चरम बिन्दु पर पहुंच गया, उसका नाम है अर्हत्। हम उस आत्मा को नमस्कार करते हैं, जिसके लिए साधना का कोई आयाम शेष नहीं रहा । जो कृतार्थ बन गया है, धर्म जिसका स्वभाव बन गया है, वह है अर्हत्। ज्ञान, दर्शन और चारित्र-ये आज हमारे लिए धर्म हैं किन्तु जो व्यक्ति केवली बन जाता है, उसके लिए ये सहज स्वभाव बन जाते हैं। उसमें अनंत ज्ञान, अनंत दर्शन और अनंत चारित्र का स्रोत प्रस्फुटित हो जाता है। हम सफेद रंग के मनोवैज्ञानिक और भावात्मक प्रभाव का भी मूल्य आंकें। जैसे जैसे सफेद रंग प्रबल बनता है, कषाय मंद होता चला जाता है। कषाय को कम करने का उत्तम उपाय है-सफेद रंग । इसका क्षेत्र है-ललाट और मस्तिष्क। इन पर सफेद रंग का ध्यान करने से कषाय के तनुकरण और क्षयीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जिन्हें गुस्सा बहुत आता है, उन्हें 'णमो अरहंताणं' का ध्यान सफेद रंग के साथ करना चाहिए और वह भी मुख्यतः ज्योति केन्द्र और शान्ति केन्द्र पर। इससे शारीरिक स्थितियां ही नहीं, मानसिक स्थितियां भी बदल जाती हैं। णमो सिद्धाणं नमस्कार महामंत्र का दूसरा पद है-णमो सिद्धाणं । दर्शन केन्द्र पर इस पद का ध्यान किया जाता है । दोनों भृकुटियों और आंखों के बीच का यह स्थान बहुत महत्त्वपूर्ण है। यह स्थान प्रकाश को ग्रहण करने वाला स्थान है। यही तीसरे नेत्र का स्थान है। इस पर मंत्र जप के साथ हलके लाल रंग का ध्यान किया जाता है। हमारे जीवन की तीन मुख्य धाराएं हैं, नाड़ी तंत्र के तीन मुख्य भाग हैं-अनुकंपी, परानुकंपी और केन्द्रीय नाड़ी तंत्र । हठयोग या स्वरोदय की भाषा में इन्हें इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना कहा जाता है। इन तीनों का संगम-स्थल है दर्शन केन्द्र। यहां पर इन तीनों प्राणधाराओं का मिलन होता है। इड़ा. का रंग है नीला, पिंगला का रंग है लाल और सुषुम्ना का रंग है गहरा लाल । इस केन्द्र पर सामान्यतः हलके लाल रंग का ध्यान किया जाता है। योगशास्त्र में इड़ा को स्त्री और पिंगला को पुरुष माना जाता है। पराक्रम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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