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आसन
आसन : आध्यात्मिक उद्देश्य
अध्यात्म की भूमिका में आसन करने का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए-कर्म निर्जरा। निर्जरा के लिए तपस्या के बारह प्रकार निर्दिष्ट हैं। उनमें कायक्लेश पांचवां प्रकार है। आसन उसी का एक अंग है। निर्जरा के साथ प्रासंगिक रूप में शारीरिक स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य भी उपलब्ध होता है।
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