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कायोत्सर्ग
साधना के पथ में विघ्न न आए, व्यक्ति निर्विघ्न साधना मार्ग पर सफलता पूर्वक चल सके, इसके लिए मंगल का होना जरूरी है । साधना के क्षेत्र में सबसे बड़ा मंगल है कायोत्सर्ग। यह विधान किया गया कार्य से पहले मंगल की भावना करें, आठ श्वासोच्छ्वास का कायोत्सर्ग करें। कायोत्सर्ग : अनेक विकल्प
कायोत्सर्ग के अनेक विकल्प किए गए हैं - आठ श्वासोच्छ्वास का कायोत्सर्ग । सौ श्वासोच्छ्वास का कायोत्सर्ग । पांच सौ श्वासोच्छ्वास का कायोत्सर्ग । एक हजार आठ श्वासोच्छ्वास का कायोत्सर्ग ।
कायोत्सर्ग का एक प्रकार है अभिभव कायोत्सर्ग। यह इन सबसे बड़ा है । कोई उपद्रव आ जाए, उस समय कायोत्सर्ग की अवधि और लम्बी हो जाती है । अभिभव कायोत्सर्ग उपसर्ग या उपद्रव की स्थिति में किया जाता
कायोत्सर्ग : अवधि ___ भगवान ऋषभ के पुत्र बाहुबली कायोत्सर्ग की मुद्रा में बारह महीने तक खड़े रहे । भगवान महावीर ने भी बहुत लम्बा कायोत्सर्ग किया । दिगम्बर परंपरा का मत है - भगवान महावीर छह महीने तक कायोत्सर्ग की मुद्रा में खड़े रहे । श्वेताम्बर परंपरा में मान्यता है, भगवान महावीर गोचरी के लिए जाते, शेष समय ध्यान और कायोत्सर्ग करते ।
प्रश्न पूछा गया - कायोत्सर्ग की अवधि कितनी हो सकती है? कहा गया-कायोत्सर्ग की मुद्रा में कम से कम अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्टतः साठ हजार वर्ष तक रहा जा सकता है । आज इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती
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