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प्रतिक्रिया विरति
हम परमाणुओं की दृष्टि से देखें। इस कपड़े का एक तंतु लें। वह समग्र परमाणु जगत् से जुड़ा हुआ है । लोक-आकाश का एक भी प्रदेश ऐसा नहीं है, जहां परमाणु और स्कंध न हो । सारे दुनियाभर के परमाणु और स्कंध इस कपड़े से जुड़े हुए हैं।
हम इस सचाई को समझें-हम अकेले भी हैं और नहीं भी । यदि यह अनेकान्त का दर्शन समझ में आ जाए, जन्म जन्मांतरों के संबंध का दर्शन उपलब्ध हो जाए तो व्यक्ति प्रतिक्रियाविरति की दिशा में आगे बढ़ जाए ।
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