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संख्या
३]
जापान में
२३५
IRRHETHERPRER
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[जापानी बौद्ध भिक्षु]
[दो जापानी कुमारियाँ-किमोनो और चाप्पल में]
अँगरेज़ी में एक नोटिस बाँटा गया। उसमें लिखा था, था, जो बतला रहा था कि जापान कहाँ तक उद्योग-प्रधान मोजी और शिमोनोसकी के तट-भाग किले बन्द हैं, इसलिए हो चुका है। सर्दी थी, किन्तु हम दृश्य देखने के लिए डेक यहाँ फ़ोटो लेने की सख्त मनाही है । हाङ्-काङ् में भी पर डटे हुए थे। मुझे तो दूर से वह स्वप्न की दुनिया या ऐसा ही है, किन्तु मुसाफ़िरों को सजग करने के लिए वहाँ गंधर्वनगर मालूम हो रहा था । पाँच बजे हमें मोजी काई नोटिस नहीं बाँटा गया, सिर्फ जेटी के एक कोने में (क्यूश) और शिमोनोसाकी (होन्शू) आमने-सामने, किन्तु कुछ लिखकर रख दिया गया है।
हमसे आगे दिखलाई पड़ रहे थे। शिमिनेोसाकी की ओर ५ बजे जापान की और अधिक भूमि दिखलाई पड़ने कितनी ही तेल की टंकियाँ भी थीं। इसी समय जहाज़ लगी। दाहने-बायें दोनों तरफ़ हरे-भरे पार्वत्य देश हैं। खड़ा हो गया। दाहनी ओर क्यूशू-द्वीप और बाई ओर जापान का सबसे विदेश से आनेवाले सभी यात्रियों की जब पहले डाक्टरी बड़ा द्वीप होन्शू है। घर दियासलाई के घरौंदे से और हो जाती है तब वे जापान की भूमि पर पैर रखने पाते प्रायः एकतले दिखाई पड़ रहे थे। इन छोटी दीखती हैं । इसी लिए जहाज़ खड़ा हुआ था । सामने से सफ़ेद बस्तियों में भी जगह जगह चिमनियों से धुआँ निकल रहा मोटर-नौका डाक्टर को लिये आ रही थी। हम लोग