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नारी-अपहरण में हिन्दू-समाज की जिम्मेदारी
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लेखक, पण्डित मोहनलाल नेहरू मजोर मार खाने की ही होता रहा है और हो रहा है। इसका भी काफ़ी निशानी' एक पुरानीमसल सुबूत है। वे लोग कानून-कायदों-द्वारा रोक-थाम अब है, और आज तक यह ठीक भी करते रहते हैं । फौज-द्वारा लड़कर स्त्री का साबित होती जा रही है। अपहरण करना उतना ही बुरा है, जितना चुरा ले स्त्री-जाति कमजोर है। जाना । हमारे देश में आज-कल स्त्रियाँ चोरी जाती
उसे शायद परमेश्वर ने हैं, इसमें शक नहीं और उनमें अधिकतर हिन्दू-जाति
- ही कमजोर बनाया है, की ही होती हैं, इसमें भी सन्देह नहीं। इस तरह कम से कम पुरुप से तो कमजोर बनाया ही है। चोरी जाने में और सीना-जोरी से ले जाये जाने में
आदमी जब जंगली हालत में था तब से आज तक ज़रा-सा भी भेद नहीं है। जब कि वह अपने को
बहुधा लेखक इस सभ्य समझता है, स्त्री
SEXSISAMSKRISHCHINTSS विपय पर लिख चुके है पर नाना प्रकार के हिन्दुनों की ही स्त्रियों का अपहरण क्यों होता है ?
और अभी हाल में ही अत्याचार करता आया
श्री राधारमण जी शर्मा इसलिए कि हिन्दू-समाज में अपहृत नारी वापस नहीं है। उनमें से एक उसे
के लेख में जो सितम्बर ली जा सकती। जब तक समाज की यह संकीर्णता अपहरण करने का भी
के 'चाँद' में छपा है दूर नहीं की जायगी तब तक हिन्दू स्त्रियों का है। कमजोर होना तो
बहुत विस्तार से हिन्दूअपहरण रुक नहीं सकता। यह लेख पढ़िए । बड़ा पाप है और यह
स्त्रियों के चोरी जाने उसी पाप का प्रायश्चित्त r+MSSEN>KAKKKr<++r><re
के कारणों का विवरण है । मेरा मतलब यह नहीं
दिया गया है और इसमें है कि सभी पुरुष अत्याचार करते हैं, मगर बहुत कुछ सन्देह नहीं कि वह बिलकुल ठीक है। किन्तु तो करते ही हैं । कुछ ऐसी स्त्रियाँ भी हैं जो पुरुषों पर ऐसे लेखों के पढ़नेवालों को यह भ्रम हो सकता अत्याचार बिलकुल उसी तरह करती हैं, जैसे पुरुष है कि वे हिन्दू-स्त्रियों के अपहरण का भार केवल कुछ स्त्रियों पर करते हैं। मगर यहाँ उनसे कुछ मुसलमानों पर ही रखते हैं। सम्भव है कि उन वास्ता नहीं, अधिकतर जो होता है उसी के बारे में गुंडों में मुसलमानों की काफी संख्या हो, किन्तु लिखा गया है।
हिन्दू भी कम नहीं हैं। मुक़द्दमों में ऐसा साबित ___ जब पुरुष के पास अधिकार होता है तब वह हो चुका है । उदाहरण के लिए इलाहाबाद उस अधिकार-द्वारा क्या नहीं करता ? भीष्म पितामह हाईकोर्ट के पिछले साल भर के मुक़द्दमों को उठाकर अपने से कमजोर काशिराज पर चढ़ दौड़े और उसकी देख लीजिए । उनमें अधिक संख्या हिन्दू स्त्री-चोरों लड़कियों का अपहरण किया। भगवान कृष्ण ने खुद की है और उन चोरों में स्त्रियाँ तक मौजूद हैं। बड़े ही ऐसा रास्ता दिखाया। दूसरे देशों में भी वैसा बड़े उच्च जाति के ब्राह्मण तक इस बात के लिए सजा
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