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सरस्वती
[भाग ३६
से प्रकाशित होनेवाले 'रिव्यू ग्राफ़ रिव्यूज़' ने किया है। उसी से लेकर यहाँ हम चार चित्र उद्धृत करते हैं ।
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[मुसोलिनी रूमी जाग्रत ज्वालामुग्वी।
[सभ्यता या विनाश का नृत्य ।।
[अबीसीनिया में सभ्यता का प्रचार ।]
["परन्तु प्रिये, मैं तुम्हें सभ्य बनाना चाहता हूँ"।]
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