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संख्या ५]
योरप जैसा कि मैंने उसे देखा
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पिरमिड देखने के बाद टामस कुक का मार्ग-दर्शक हमें नील नदी में एक नाव पर ले गया। वहाँ एक अत्यन्त रमणीक दृश्य के बीच में हमने चाय पी। सुन्दर नील के दोनों किनारों
[ स्थानीय लोगों की बस्ती (पोर्ट सईद)] पर कैरो के धनी पाशाओं के सुन्दर बँगले हैं। नदी भरी हुई थी और पर एक बड़ा मेला लगा था वहाँ हमने बहुत-सी सम्पूर्ण पास-पड़ोस दुर्लभ सौंदर्य से व्याप्त था। चर्खियाँ देखीं जो सुन्दर पोशाकों से युक्त बच्चों को योरपियन ढङ्ग से बिछाये गये उन उद्यानों के मध्य लिये आनन्द से घूम रही थीं। हम कई क़सबों से में भी पूर्वीय वैभव का अभाव नहीं था। नील नदी भी गुज़रे जिनमें आधुनिक इमारतें दिखाई पड़ी। में इस नौका-भ्रमण का यात्री बड़ा आनन्द लेते हैं। अधिकांश क़सबों में बिजली की रोशनी हो रही थी। बहुत-से लोग जो योरप से कैरो में छुट्टी का दिन उपहार-गृहों में लोगों की भीड़ दिखाई पड़ी। एक बिताने आते हैं, वे नदी-मार्ग में स्वास्थ्यप्रद वायु नवयुवक मिस्री हमारे साथ रेलगाड़ी में सवार था। का आनन्द लेते लक्सर तक जाते हैं। सन्ध्या की वह मामूली अँगरेजी बोल लेता था और वह ठण्ढक बड़ी सुहावनी थी। उसमें हमने नदी के हमें बहुत सुखदायक साथी प्रतीत हुआ । किनारे शान्तिपूर्वक आध घंटा बिताया। हमारे देश उसने हमसे बताया कि गत महायुद्ध के बाद से देश में बहुत-सी सुन्दर नदियाँ हैं परन्तु आर्थिक अभावों काफ़ी सँभल गया है और रहन-सहन के औसत दर्जे के कारण हम उनका उपयोग करने से वञ्चित रह में उन्नति हुई है। उसका सम्बन्ध प्रगतिशील दल से जाते हैं।
है और कट्टर धारणायें उसमें नहीं हैं। उस ऋतु | सन्ध्या को हम पोर्ट सईद की गाड़ी पकड़ने के की मुख्य फसल कपास थी। पौधे नये थे और उनमें लिए रेलवे स्टेशन को द्र ति गति से लौटे। गाड़ी काफ़ी ओज था । कपास की इन हरी हरी घनी झाड़ियों भरी थी। इस यात्रा में लगभग ४ घंटे लगते हैं और का देखना बड़ा रुचिकर प्रतीत होता था। रेल नील नदी के उपजाऊ बेसिन से होकर गुजरती आठ बजे शाम के लगभग हम सईद बन्दर के । है । सौभाग्य से सन्ध्या निर्मल थी इसलिए हमें नील निकट एक स्टेशन पर पहुंचे। यहाँ एक दुर्घटना हो की उपजाऊ घाटी की भी एक झलक देखने को मिल गई और सौभाग्य से भीषण काण्ड होते होते बच गई। वहाँ के निवासी स्पष्टरूप से खुशहाल प्रतीत गया। दो डिब्बे जो एक दूसरे से स्प्रिंगदार कटियों होते थे। साधारण किसान भी यथेष्टरूप से प्रसन्न से जुड़े हुए थे टूट गये और दूर जा पड़े। चूंकि थे और स्त्रियों की पोशाक अच्छी थी। एक स्थान गाड़ी अभी छूटी ही थी और उसकी चाल में तेजी
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