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संख्या ४]
भारतीय ज्वायंट स्टाक बैंक
पूरा करना है', हमारे ज्वायंट स्टॉक बैंक आज भी उस को लें तो ४,५०० मनुष्यों के पीछे १ बैंक बैठता है और दृढ़ता से पकड़े हुए हैं जो अन्य किसी देश में देखने को यदि यूनाइटेड किंगडम को लें तो ३,५०० मनुष्यों के नहीं मिलती। इस दिशा में भी हमारे बैंकों को अधिक पीछे १ बैंक पाकर पड़ता है। कुछ अन्य देशों-सम्बन्धी उदार नीति का अनुसरण करना उचित है । जर्मन बैंक आँकड़े भी देखिएजिस प्रकार अपने देश की प्रौद्योगिक उन्नति में सहायक नाम देश
बैंक के दफ़्तरों की संख्या हो रहे हैं वह हमारे ज्वायंट स्टॉक बैंकों के लिए एक संयुक्त राज्य
२५,००० उदाहरण है और केंद्रीय बैंकिंग कमिटी ने भी इसी उदा. ब्रिटिश द्वीप
१३,१०० हरण का अनुकरण करने की सिफारिश की है । जर्मन फ्रांस
४,४०० बैंकों की तरह हमारे बैंकों को भी अपना एक प्रतिनिधि जर्मनी
३,१०० उस औद्योगिक कम्पनी के बोर्ड ऑफ़ डाइरेक्टर्स पर नियुक्त बेल्जियम कर देना चाहिए जिसे वे आर्थिक सहायता देते हों। इसके यदि १६२८ में हमारे यहाँ के ५ सबसे बड़े बैंकों की सिवा हर एक बैंक में एक एडविज़री कौंसिल (परामर्श देने- जमा की तुलना इंग्लेंड के ५ सबसे बड़े बैंकों की जमा से वाली सभा) स्थापित करने की भी बैंकिंग कमिटी ने सिफ़ारिश की जाय तो जहाँ इंग्लैंड में जमा की संख्या १,६६, की है। इस कौंसिल का कार्य केवल सलाह देना होगा। ६०,००,००० पौंड है, हमारे यहाँ हम्पीरियल बैंक को छोड़ इस प्रकार बैंक और औद्योगिक संस्था में घनिष्ठ सम्बन्ध कर अन्य ५ सबसे बड़े बैंकों की जमा केवल ४६ करोड स्थापित हो सकता है, जो इस प्रकार के कार्य के लिए रुपया ही होती है। ऊपर के आँकड़ों से यह स्पष्ट हो अत्यन्त आवश्यक है। इम्पीरियल बैंक को इस कार्य में जाता है कि हमारे देश में बैंकिंग की उन्नति बहुत कम हुई अग्रगामी होना चाहिए। वह उन अनेक बाधाओं से है। अब उन कारणों का भी विचार कर लेना आवश्यक मुक्त भी हो गया है जो अभी तक उस पर सरकार की है जो इस स्थिति के लिए जिम्मेवार हैं। ओर से लागू थीं।
बैंकिंग की उन्नति में अनेक बाधायें-(१) कुछ बैंकिंग की उन्नति-सम्बन्धी आँकड़े—अभी तक लोगों का विश्वास है कि भारतवासियों की रुपया जोड़कर हमारे यहाँ बैंकिंग का कितना प्रचार हो चुका है, इसका रखने की प्रचलित कुप्रथा का बैंकिंग की उन्नति पर अनुमान नीचे दिये हुए अंकों से लगाया जा सकता है- काफ़ी प्रभाव पड़ा है। इस कुप्रथा की उपस्थिति को ___ सदर दफ्तर
शाखायें स्वीकार करते हुए यह अवश्य कहना पड़ेगा कि इसको इम्पीरियल बैंक ३
आवश्यकता से अधिक महत्त्व दिया गया है। वास्तव में विदेशी विनिमय बैंक ...
८८ यह हमारे देश में बैंकिंग की यथेष्ट सुविधा न होने का ज्वायंट स्टॉक बैंक १७१
इतना महत्त्वपूर्ण कारण नहीं कहा जा सकता है जितना कुल १७४
७६४ कि उसका परिणाम । (१६३० के बैंक-सम्बन्धी आँकड़े)
(२) बैंकों की असफलता—जिस देश में बैंकिंग का इसका मतलब यह है कि हमारे यहाँ ४,४०,००० श्री गणेश ही हो, और जहाँ की जनता में आधुनिक मनुष्यों के पीछे एक बैंक है। साथ ही साथ इस बात का बैंकिंग के संगठन में पूरा पूरा विश्वास न हो। भी ध्यान रखना उचित है कि बैंकों का बँटवारा बहुत ही यदि थोड़े से समय में एक साथ कई बैंक असफल हो जायँ अनुचित है। हज़ारों और लाखों की संख्या में ऐसे छोटे तो उसका परिणाम बैंकिंग की उन्नति के रोकने के अतिछोटे गाँव और कस्बे मिलेंगे जहाँ के लोगों ने बैंक का रिक्त और क्या हो सकता है ? हमारे देश में सन् १९२१नाम तक न सुना होगा। इसके विपरीत इंग्लैंड और वेल्स ३० तक कुल १४३ बैंकों का असफल हो जाना कोई
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हो, वहाँ
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