________________
विवाह की कुछ और विचित्र प्रथायें
PA
(
लेखक, श्रीयुत मार्कण्डेय वाजपेयी, एम० ए०, एल-एल० वी०
रत के उत्तर में हिमालय के लौटी । बस तलाक हो गया। श्रीयुत हेरिसन फार्मन परे तिव्बत का देश है। बरसों तिब्बत में रहे हैं और उन्होंने बड़े गौर से वह देश बौद्ध-धर्म का वहाँ के रवाजों को देखा है। उनका कथन है कि केन्द्र है। वहाँ के दलाई तलाक के इतना आसान होते हुए भी वह वहाँ बहुत
लामा विश्व-विख्यात हैं। ही कम देखने में आता है। तिब्बत में संतान पिता तह भारत की ही भाँति तिब्बत के नाम से नहीं पुकारी जाती है, बल्कि वह माता] LE O भी धर्मान्धता और रूढ़ियों की संतान कही जाती है। तिब्बत की विशेषता का दाम है, पग पग पर धर्म है। पर एक बड़ी यह है कि वहाँ हर तरह के विवाह प्रचलित हैं और विचित्र बात यह है कि वहाँ विवाह का धर्म से मब जायज़ माने जाते हैं। एक पति और एक पत्नी, कोई सम्बन्ध नहीं है । विवाह न तो धार्मिक संस्कार एक पति और कई पत्नियाँ, एक पत्नी और कई है और न पुरोहितों का उसमें कोई दखल है । विवाह पति, कई पति और कई पत्नियाँ ये सब जायज़ हैं। की जो प्रथा प्रचलित है वह बड़ी आसान है। जो और इसके साथ थोड़े दिनों के लिए भी शादी होती भी व्यक्ति विवाह करना चाहता है वह अपने मित्रों है, जैसे शिया मुसलमानों में मुताह होता है। तीन के साथ अपनी प्रेमिका के तम्बू में घुस जाता है और दिन यह देखने को मिलते ही हैं कि मियाँ-बीबी में उसे उठाकर घोड़े पर बिठा लेता है और वहाँ से पटती है या नहीं। शादी के इतने तरीके एक साथ चल पड़ता है। लड़कीवाले बड़ा शोर मचाते हैं और ही संसार के और किसी भी देश में न मिलेंगे। बन्दूक्त दागते हुए उसका पीछा करते हैं। फिर दोनों तिब्बत में बहुतेरे रईस कई पत्नियों से दल साथ बैठकर खाते हैं और शराब पीते हैं । बस, विवाह कर लेते हैं। यह भी बहुत प्रचलित है कि इतने से ही वर-वधू का विवाह हो जाता है, और एक पत्नी दो या तीन भाइयों के बीच में हो, जैसे कुछ टीम-टाम की ज़रूरत नहीं होती। तीन दिन द्रौपदी के पाँच पति भारत में थे। इसका कारण तक वर-वधू साथ साथ रहते हैं। यदि वधू को तिब्बत की हीन आर्थिक अवस्था है। दो या तीन अपना पति नहीं पसंद होता तो वह चौथे दिन भाइयों के एक ही पत्नी होने से लड़के जितने भी अपने पिता के तंबू को लौट जाती है और विवाह- होते हैं, पत्नी के कहलाते हैं और संपत्ति का बँटवारा सम्बन्ध टूट जाता है। लड़की का मोल वहाँ के नहीं होता। एक कारण यह भी है कि उतनी उँचाई लोगों को निगाह में इससे घटता नहीं, बरन बढ़ पर लड़के कम होते हैं, और औरतों का यह विश्वास जाता है। अमरीका में तो अब प्रस्ताव हो रहे हैं कि है कि कई पति होने से लड़के जरूर होंगे। फिर शादी से पहले थोड़े दिन वर और वधू को साथ तिब्बत में याक और भेड़ों के झुण्ड चराने के लिए रहना चाहिए और अगर इस बीच में दोनों में निभ लड़कों की बड़ी आवश्यकता रहती है। एक और जाय तो शादी होनी चाहिए। पर तिब्बत में तो कारण इस तरह के विवाह का यह है कि तिब्बत तीन दिन हमेशा इस काम के लिए मिलने आये हैं। के पुरुषों को व्यवसाय के लिए बड़ी लंबी यात्रायें तलाक़ भी तिब्बत में बड़ा सीधा-सादा है। पत्नी करनी पड़ती हैं। उनमें अक्सर महीनों लग जाते अपने पिता के घर चली गई और वहाँ से नहीं हैं। एक भाई यदि ऐसी ही यात्रा पर जाता है तो
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com