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सम्बन्धी कानून
जायदाद की कीमत कैसे लगाई जायगी ?
दफा ४ के अनुसार जब ज़मींदार अपने क़र्ज़ की अदायगी के लिए कलक्टर के यहाँ दरख्वास्त दे उस
पिछले दिनों इस प्रान्त की सरकार ने ऋणसमय उसे दरख्वास्त के साथ अपने उन महालों के नये
सम्बन्धी कई कानून पास किये हैं। उन पर खेवट की तसदीकी नकल भी शामिल कर देनी चाहिए
'सरस्वती' में हम एक लेख छाप चुके हैं। जिनमें उसकी जायदाद है। दरख्वास्त में यह भी ज़ाहिर
उनमें 'ऋणग्रस्त रियासतों' के बारे में भी एक कर देना चाहिए कि उन महालों में उसकी मिलकियत
कानून है । उस समय उसके नियम नहीं बने किस किस्म की है और किस हद तक है। दरख्वास्त में
थे। अब वे बन गये हैं। इस लेख में लेखक
महोदय ने उन्हीं का वर्णन किया है। यह भी जाहिर कर देना ज़रूरी है कि जमीन 'रक्षित' है या नहीं। ___ दरख्वास्त पाने पर कलक्टर हर एक तहसील के तह- रामपुर नाम का एक गाँव गाज़ीपुर जिले के सैयदसीलदार से जहाँ ज़मींदार की जायदाद है, दरयाफ़्त करेगा पुर परगने में है। इस गाँव की हमें प्राथमिक विक्रीकि वह इस बात का तफ़सीली नकशा उसके पास भेजे क़ीमत निकालनी है। गाज़ीपुर के तहसीलदार ने कलक्टर कि उक्त जायदादों का छुट के पहले क्या मुनाफ़ा था और के पास यह रिपोर्ट की कि इस गाँव का मुनाफ़ा छुट के छूट के बाद अब क्या मुनाफ़ा रह गया है।
पहले १५००) रुपया था। परिशिष्ट के देखने से मालूम - मुनाफ़ा निकालने के निमित्त तहसीलदारों के लिए होता है कि ग़ाज़ीपुर-ज़िले के सैयदपुर-परगने का औसत गवर्नमेंट की ओर से तफ़सीलवार नियम बना दिये गये विक्रयांक ३२ है । इस लिए रामपुर गाँव की प्राथमिक हैं। वकील लोग इन नियमों को देखकर अपने मवक्किलों विक्री की कीमत हई १५०० x ३२ अर्थात ४८०००। को बता सकते हैं कि तहसीलदार ने मुनाफ़ा निकालने किसी जायदाद की कीमत लगाने के सिलसिले में में ग़लती तो नहीं की है। ये नियम एक्ट दफा २ (जे) औसत 'विक्रयांक' में कलक्टर अनेक कारणों के आधार और (के) में और कायदों की दफा १७, १८, १६ और पर साधारण परिवर्तन भी कर सकते हैं। इस तौर २० में बताये गये हैं।
से जो विक्रयांक कलक्टर-द्वारा निश्चित किया जायगा जिस समय कलक्टर के पास तहसीलदारों के यहाँ से उसे हम 'अन्तिम विक्रयांक' कहेंगे । असल में जायदाद जायदाद के मुनाफ़े के नक्शे श्रा जायँगे, वह सारी जाय- की असली कीमत वही मानी जायगी जो अन्तिम विक्रदाद की 'विक्री-कीमत' निकालेगा।
यांक को छूट के पहले के मुनाफ़े से गुणा करने पर विक्री की कीमत कैसे निकाली जायगी? मालूम होगी।
अरक्षित जायदाद की विक्री की कीमत निकालने का परिशिष्ट नं. १ में जो अंक दिये गये हैं वे उन जायतरीका यह है कि औसत विक्रयांक को (जो परिशिष्ट नं० १ दादों के हैं जिन पर मालगुज़ारी देनी पड़ती है। जिन जायमें दिये हुए हैं) जायदाद के छूट के पहले के मुनाफ़े से दादों पर मालगुज़ारी नहीं देनी पड़ती, अगर वे इस्तमरारी गुणा कर दे। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि बन्दोबस्त में हैं तो उनका औसत विक्रयांक परिशिष्ट नं०
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