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आकिञ्चायतनभव
आकिञ्चञआयतनसमापत्ति
या
आकिञ्चायतनभव पु., तत्पु. स. [आकिञ्चन्यायतनभव], चार प्रकार के अरूपी ब्रह्मलोकों में जन्म, अरूपध्यान के चार चित्तों के विपाक के बल से चार अरूपी ब्रह्माओं के रूप में जन्मग्रहण – वं द्वि. वि., ए. व. - तत्थ झानं निब्बत्तेत्वा आकिञ्चायतनभवं उपगता
आकिञ्चआयतननूपगा, चूळनि. अट्ट, 56. आकिञ्चञआयतनभूमि . स्त्री., तत्पु. स. [आकिञ्चन्यायतनभूमि], अरूपावचर ध्यान की चार भूमियों में से तृतीय, ध्यानयुक्त चित्त की वह अवस्था, जिसमें अनन्त आकाश एवं अनन्त विज्ञान के अकिंचन-भाव या शून्यता की भावना की जाती है - आकासानञ्चायतनभूमि विआणञ्चायतनभूमि . आकिञ्चायतनभूमि नेवसानासायतनभूमि चैति अरूपभूमि चतुबिधा होति, अभि. ध. स. 32. आकिञ्चचायतनलाभी त्रि., [आकिञ्चन्यायतनलाभिन्], अरूपध्यान में अकिंचनभाव की विपश्यना करने वाला - नो पु., ष. वि., ए. व. - नत्थि किञ्चीति पस्सतोति विज्ञआणाभावविपस्सनेन 'नत्थि किञ्ची ति पस्सतो,
आकिञ्चायतनलाभिनोति कुत्तं होति, सु, नि, अट्ठ. 2.293. आकिञ्चचायतनसंयोजन नपुं., तत्पु. स./कर्म. स. [आकिञ्चन्यायतनसंयोजन], संयोजन या बन्धन के रूप में अकिंचनभाव का कर्मस्थान, अकिंचनभाव का मानसिक बन्धन -- नेन तृ. वि., ए. व. -- आकिञ्चायतनसंयोजनेन हि खो विसंयुत्तो, नेवसानास आयतननाधिमुत्तो पुरिसपुग्गलो ति, म. नि. 3.41. आकिञ्चायतनसंवत्तनिक त्रि., [आकिञ्चन्यायतनसंवर्तनिक], अकिंचन भाव के आयतन या आलम्बन की ओर ले जाने वाला (कर्म का अभिसंस्करण) -- को पु., प्र. वि., ए. व. - ... आकिञ्चजासम्भवोति वच्चति
आकिञ्चायतनसंवत्तनिको कम्माभिसङ्घारो, चूळनि. 155. आकिञ्चचायतनसचा स्त्री., तत्पु. स. [आकिञ्चन्यायतनसंज्ञा], आकिंचन्य के विषय में (उपादानयुक्त) संज्ञा-ज्ञान - या च आकिञ्चायतनसा ... एस सक्कायो यावता सक्कायो, म. नि. 3.49%3; नेवसञ्जानासआयतनं समापन्नस्स आकिञ्चआयतनसआ निरुद्धा होति, स. नि. 2(2).213; - अं द्वि. वि., ए. व. - आकिञ्चायतनसझं पटिच्च मनसि करोति एकत्तं, म. नि. 3.150; ... नेवसानासायतनसाय आकिञ्चायतनसञ्ज. म. नि. अट्ठ. (उप.प.) 3.112;
- य - सप्त. वि., ए. व. - ... तस्स आकिञ्चजायतनसाय... आकिञ्चायतनसायाति पजानाति, म. नि. 3.150; - सहगत त्रि., तत्पु. स. [आकिञ्चन्यायतनसंज्ञासहगत], आकिंचन्य के आलम्बन की संज्ञा से युक्त तं नपुं., प्र. वि., ए. वि. - यस्मि समये ... विजाणञ्चायतन समतिक्कम्म आकिञ्चआयतनसासहगतं सुखस्स च पहाना .... ध. स. 267, 503, 581; तस्मिं आकिञ्चआयतनं पवत्ताय सञआय सहगतन्ति आकिञ्चआयतनसआसहगतं, ध. स. अट्ठ. 250. आकिञ्चचायतनसञी त्रि., [आकिञ्चन्यायतनसंज्ञिन],
आकिंचन्य के आयतन या ध्यान के प्रति संज्ञा-ज्ञान रखने वाला - न आकिञ्चआयतने आकिञ्चआयतनसञी अस्स, अ. नि. 3(2).6; 8; 287. आकिञ्चचायतनसप्पाय त्रि., ब. स. [बौ. सं. आकिञ्चन्यायतनसाम्प्रेय], आकिञ्चन्यायतन नामक अरूपध्यान की प्राप्ति में हितकर या उपयुक्त - या स्त्री., प्र. वि., ए. व. - अय, भिक्खवे, दुतिया
आकिञ्चायतनसप्पाया पटिपदा अक्खायति, म. नि. 3.47. आकिञ्चायतनसमापत्ति स्त्री., तत्पु. स. [आकिञ्चन्यायतनसमापत्ति]. शा. अ., आकिंचन्य के आयतन अथवा कर्मस्थान की प्राप्ति, ला. अ., नौ प्रकार की समापत्तियों या समाधिचर्याओं में से एक - नवहि समाधिचरियाहीति ... पठमं झानं... चतुत्थं झानं समाधि चरिया, ... आकिञ्चायतनसमापत्ति ... समाधिचरिया, पटि. म. 91; आकिञ्चायतनसमापत्ति विज्ञाणञ्चायतनसाय वुढाति, पटि. म. 222; - तिं द्वि. वि., ए. व. - आकिञ्चायतनसमापत्ति ... पटिलाभत्थाय वितक्को च विचारो च पीति च सुखञ्च .. ., पटि. म. 223; - या' प. वि., ए. व. - आकिञ्चायतन समापत्तिया
हित्वा नेवसानासायतनं समापज्जि, दी. नि. 2.116; - या' ष. वि., ए. व. - ... आकिञ्चायतनसमापत्तिया ... इमे बहिद्धावडानपटिप्पस्सद्धी चत्तारो विमोक्खा, पटि. म. 2243; - विमोक्खा पु... तत्पु. स. [आकिञ्चन्यायतनसमापत्तिविमोक्ष], आकिंचन्य आलम्बन वाले अरूप ध्यान की प्राप्ति से मिलने वाला विमोक्ष, 68 प्रकार के विमोक्षों में एक, क्खो, प्र. वि., ए. व. - अपि च अट्ठसद्धि विमोक्खा .... आकिञ्चायतनसमापत्ति
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