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इत्थिपरिग्गह
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इत्थिभाव
इत्थिपरिग्गह पु., तत्पु. स. [स्त्रीपरिग्रह], स्त्री के रूप में निजी सम्पत्ति, स्वामित्व या अधीनता में रहने वाली स्त्री, अन्तःपुर की नारी - हो प्र. वि., ए. व. - बहु तत्थ इत्थिपरिग्गहो, म. नि. 2.268; थियोति इस्थिपरिग्गहो वुच्चति, महानि. 8; इत्थीति थियति एतिस्संगमोति इत्थी, परिग्गहोति
सहायी सस्सामिका, महानि. अट्ठ. 42. इत्थिपुम द्व. स., स्त्री एवं पुरुष क. नपुं., समाहार द्व. स., स्त्रियों एवं पुरुषों का समूह - मं प्र. वि., ए. व. -
आदिग्गहणं किमत्थं? दासिदासं, इत्थिपुमं... दीघमज्झिमं इच्चेवमादि, क. व्या. 324; ख. पु., इतरेतर द्व. स., स्त्री एवं पुरुष- मा प्र. वि., ब. व. - न इत्थिपुमा पञआयन्ति, दी. नि. 3.63; इत्थी पुमा कुमारा च, बहू चेव कुमारिका, अप. 2.270; - मानं ष. वि., ब. व. - यो सब्बलोकस्स। निवातवुत्ति इत्थीपुमानं सहदारकानं, जा. अट्ठ. 4.68; - नपुंसकसंख्य त्रि., द्व. स., स्त्रीलिङ्ग, पुल्लिङ्ग एवं नपुंसकलिङ्ग को कहने वाला - ख्यं नपुं., प्र. वि., ए. व.
- इत्थिपुमनपुंसकसंख्य, क. व्या. 131. इत्थिपुम्भावलक्खण त्रि., ब. स., स्त्रीत्त्व एवं पुरुषत्व के
लक्षणों से युक्त (स्त्री-इन्द्रिय एवं पुरुषेन्द्रिय)- णं नपुं., प्र. वि., ए. व. - वसे वत्तेति लिङ्गान-मित्थिपुम्भावलक्षणं
इत्थीति च पुरिसोति, पकासनरसं तथा, ना. रु. प. 519. इत्थिपुरिस पु., द्व. स. [स्त्रीपुरुष], स्त्री एवं पुरुष - सा प्र. वि., ब. व. - इत्थिपुरिसा दासिदासा, मि. प. 148%B इत्थिपुरिसा अविज्जमाना, रूपं विज्जमानं, प. प. अट्ठ. 27; --- सानं ष. वि., ब. व. - हञ्चि अरहा इत्थिपुरिसानं नामगोत्तं न जानेय्य, कथा. 154; स. प. के अन्त., - इत्थिपरिसादिपरिकप्पवसेन निच्चादिवसेन अत्तत्तनियगाहवसेन च अभिरता ..., उदा. अट्ठ. 173; - निमित्त नपुं., तत्पु. स. [स्त्रीपुरुषनिमित्त], स्त्रीत्व एवं पुरुषत्व का द्योतक विशिष्ट चिह्न, स्त्री एवं पुरुष के लैङ्गिक चिह्न - त्तं द्वि. वि., ए. व. - इत्थिपुरिसनिमित्तं वा सुभनिमित्तादिकं वा ... निमित्तं न गण्हाति, विसु द्धि. 1.20; - निस्सित/सरीरनिस्सित त्रि., [स्त्रीपुरुषनिःश्रित]. स्त्री तथा पुरुष के शरीर के साथ जुड़ा हुआ, स्त्री एवं पुरुष के शरीर पर आश्रित - तं न, द्वि. वि., ए. व. - खदापरेता भुज्जामि, इत्थिपुरिसनिस्सितं, पे. व. 131; इस्थिपुरिससरीरनिस्सितं यथावुत्तं अञ्जञ्च चम्ममंसन्हारुपुब्बादिकं परिभुजामीति, पे. व. अट्ठ, 68; - भाव पु., [स्त्रीपुरुषभाव], स्त्रीभाव एवं पुरुषभाव - वं द्वि.
वि., ए. व. - न केवलं इत्थिपुरिसभावमेव ... यथावृत्तं एतं इत्थिभावं पुरिसभावं, पे. व. अट्ठ. 144; - सन्निपात पु., तत्पु. स. [स्त्रीपुरुषसन्निपात], स्त्रियों एवं पुरुषों का जमघट या समूह - तेन तृ. वि., ए. व. - सुओ इत्थिपुरिससन्निपातेन अस्थि चेविदं... पटिच्च एकत्तं, म. नि. 3.148; - सानुपस्सी त्रि., स्त्रियों एवं पुरुषों की अनुपश्यना करने वाला, स. उ. प. के रूप में - नापि केसलोमादिविनिमुत्तइत्थिपुरिसानुपस्सी, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).252. इत्थिफोहब्ब पु./नपुं, तत्पु. स., स्त्री के स्पर्श की (सुखद)
अनुभूति, स्त्री का स्पर्श - ब्बो पु. प्र. वि., ए. व. - परिसस्स चित्तं परियादाय तिट्टति यथयिदं, भिक्खवे, इत्थिफोडब्बो, अ. नि. 1(1).2; इत्थिया कायसम्फस्सो, इत्थिसरीरारुळहानं वत्थालङ्कारमालादीनम्पि फस्सो इत्थिफोहब्बोत्वेव वेदितब्बो, अ. नि. अट्ठ. 1.21; --ब्बं प्र. वि., ए. व. - नाहं भिक्खवे. ... एकफोहब्बम्पि समनपस्सामि एवं रजनीयं एवं कमनीयं... यथयिदं, भिक्खवे, इत्थिफोहब, अ. नि. 2(1).63; - ब्बे सप्त. वि., ए. व. - इत्थिफोडब्बे, भिक्खवे, सत्ता रत्ता गिद्धा गथिता मच्छिता अज्झोपन्ना, ते
दीघरत्तं सोचन्ति इत्थिफोहब्बवसानगा, अ. नि. 2(1).63. इत्थिबल नपुं.. तत्पु. स. [स्त्रीबल], स्त्री की शक्ति, नारी
की शक्ति – लं प्र. वि., ए. व. – सब्बबलेहि इत्थिबलमेव
महन्तन्ति अत्थो, जा. अट्ठ. 3.456. इत्थिभण्ड पु., तत्पु. स. [स्त्रीभाण्ड], स्त्री का अपना सामान, स्त्री के अपने स्वामित्व में रहने वाले गहने आदि - ण्डेन त. वि., ए. व. - इत्थिभण्डे न गृहाम तुम्हत्थाय महामुने, अप. 2.263. इत्थिभाव पु., तत्पु. स. [स्त्रीभाव], क. स्त्रीत्व, नारी-भाव, स्त्रीवर्ग, नारी-समूह, स्त्री-इन्द्रिय के निर्वचनक्रम में प्रयुक्त, - वो प्र. वि., ए. व. - इत्थिभावो पुम्भावो इस्थिन्द्रियन्ति च वुच्चति, सद्द. 1.67; यं इत्थिया इथिलिङ्ग इत्थिनिमित्तं इत्थिकुत्तं इत्थाकप्पो इत्थत्तं इत्थिभावो - इदं तं रूपं इत्थिन्द्रियं ध. स. 632(मा.); इस्थिन्द्रियन्तिआदीसु इत्थिभावे इन्द8 करोतीति इत्थिन्द्रिय, स. नि. अट्ठ. 3.265; -- वं द्वि. वि., ए. व. - "अहं तं आनेस्सामि, पस्स ताव मम इत्थिभावन्ति वत्वा, थेरगा. अट्ठ. 2.106; ख. पापकर्मों के विपाक के रूप में प्राप्त स्त्री के रूप में पुनर्जन्म या पुनर्भव, स्त्री के रूप में हीन पुनर्भव - वो प्र. वि., ए. व. - दुक्खो इत्थिभावो, अक्खातो परिसदम्मसारथिना, थेरीगा. 2163;
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