Book Title: Pali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 02
Author(s): Ravindra Panth and Others
Publisher: Nav Nalanda Mahavihar

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Page 379
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इरियापथसन्तता 352 इरियापथिय नाम से प्रसिद्ध - तं नपुं.. प्र. वि., ए. व. - इरियापथसङ्घातन्ति इरियापथसण्ठपनसङ्घातं विसद्धि. महाटी. 1.50. इरियापथसन्तता स्त्री., ईर्यापथ (गमन आदि शारीरिक क्रियाओं) में विद्यमान शान्तिभाव, शान्त शारीरिक क्रियाकलाप - तं द्वि. वि., ए. व. - इरियापथसन्ततं पन दिस्वा अनभानेन वदति, म. नि. अट्ट. (म.प.) 2.278. इरियापथसन्निस्सित त्रि., तत्पु. स., ईर्यापथ (शारीरिक क्रियाओं) के प्रदर्शन पर आधारित - तं नपुं. प्र. वि., ए. व. - पापिच्छस्सेव पन सतो सम्भावनाधिप्पायकतेन इरियापथेन विम्हापनं इरियापथसन्निस्सितं कुहनवत्थूति वेदितब्ब, विसुद्धि. 1.25. इरियापथसमङ्गिता स्त्री., भाव., किसी भी एक ईर्यापथ से युक्त होने की स्थिति, स. उ. प. के रूप में, ठानसङ्खात ... खड़ा होने के रूप में प्रसिद्ध ईर्यापथ से युक्त रहना - य तृ. वि., ए. व. - ठानसङ्घातइरियापथसमङ्गिताय, गतिनिवत्तिअत्थताय ... सेसइरियापथसमङ्गिताय बोधको, विसुद्धि. महाटी. 1.401. इरियापथसमसीसी त्रि., गमन आदि जिस किसी भी एक ईर्यापथ (शारीरिक क्रिया) के साथ विपश्यना आरम्भ करता है, उसी ईर्यापथ में निर्वाण अथवा अर्हत्व का लाभ प्राप्त करने वाला, एक ही ईर्यापथ में रहते हुए अर्हत् अवस्था प्राप्त करने वाला - सी पु., प्र. वि., ए. व. - ठानादीसु इरियापथेसु येनेव इरियापथेन समन्नागतो हुत्वा विपस्सनं आरभति, तेनेव इरियापथेन अरहत्तं पत्वा परिनिब्बायति, अयं इरियापथसमसीसी नाम, नेत्ति. अट्ठ. 386; निसिन्नोव विपस्सनं पट्टपेत्वा अरहत्तं पत्वा निसिन्नोव परिनिब्बाति, निपन्नोव विपस्सनं पट्ठपेत्वा अरहत्तं पत्वा निपन्नोव परिनिब्बाति - अयं इरियापथसमसीसी नाम, प. प. अट्ठ. 37; अरहत्तप्पत्ति च इरियापथकोपनञ्च एकप्पहारेनेव होति, अयं इरियापथसमसीसी नाम स. नि. अट्ठ. 1.162; समसीसी नाम तिविधो होति इरियापथसमसीसी, रोगसमसीसी, जीवितसमसीसीति, स. नि. अट्ट, 1.162. इरियापथसमायोग पु., तत्पु. स., किसी भी एक ईर्यापथ (शारीरिक क्रिया) के साथ सम्बन्ध - परिदीपन त्रि०, ईर्यापथ के साथ सम्बन्ध का सूचक, स. उ. प. के रूप में, - “यथाठितत्ताव यथापणिहितान्ति, ठितन्ति वा कायस्स ठानसातइरियापथसमायोगपरिदीपनं, पणिहितन्ति तदअइरियापथसमायोगपरिदीपनं विसुद्धि. महाटी. 1.401; इध पन ठानगमनासनसयनप्पभेदेसु इरियापथेसु अञ्जतरइरियापथसमायोगपरिदीपनं. पटि. म. अट्ठ. 2.117; पारा. अट्ठ. 1.76; खु. पा. अट्ठ. 90. इरियापथसम्पन्न त्रि., तत्पु. स., भव्य अथवा उत्तम शारीरिक चाल-ढाल से युक्त, उदात्त एवं सुन्दर गमन, आदि ईर्यापथों से परिपूर्ण - नो पु.. प्र. वि., ए. व. - इरियापथ सम्पन्नोति ताय पासादिकअभिकन्तादिताय सम्पन्नइरियापथो, पारा. अट्ठ. 2.186; इरियापथसम्पन्नोति सम्पन्नइरियापथो विसुद्धि. महाटी. 1.41; - नं पु., वि. वि., ए. व. - अस्सजिं राजगहे पिण्डाय चरन्तं पासादिकेन अभिक्कन्तेन पटिक्कन्तेन ... ओक्खित्तचक्खं इरियापथसम्पन्नं, महाव. 45; स. उ. प. के रूप में - एकच्चे इसयो ठानिरियापथचङ्कमनिरियापथसम्पन्ना, एकच्चे इसयो नेसज्जिका निसज्जिरियापथसम्पन्ना, अप. अट्ठ 1.229. इरियापथसम्परिवत्तना/इरियापथसम्परिवत्तनता स्त्री. भाव., किसी एक ईर्यापथ (शारीरिक क्रिया) का अभ्यास - ता प्र. वि., ए. व. - छ धम्मा थिनमिद्धस्स पहानाय संवत्तन्ति, अतिभोजने निमित्तग्गाहो इरियापथसम्परिवत्तनता आलोकसञआमनसिकारो अब्भोकासवासो कल्याणमित्तता सप्यायकथाति, म. नि. अट्ट (मू.प.) 1(1).294; दी. नि. अट्ठ.2.333. इरियापथसुखसेवनता स्त्री॰, भाव., ईर्यापथों का सुखपूर्वक सेवन करने की स्थिति, सुख के साथ ईर्यापथों का अभ्यास - ता प्र. वि., ए. व. - सत्त धम्मा पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गस्स उप्पादाय संवत्तन्ति पणीतभोजनसेवनता उतुसुखसेवनता इरियापथसुखसेवनता ... तदधिमुत्तताति, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).307; विसुद्धि. 1.130. इरियापथिकचित्त नपुं., कर्म स., ईर्यापथों का अभ्यास कर रहे साधक का चित्त - तं प्र. वि., ए. व. - इरियापथिकचित्तहि इरियापथं सन्धारेतं असक्कोन्तं रुक्खे वग्गुलि विय, खीले लग्गितफाणितवारको विय च, ओलियति, ध. स. अट्ट. 402. इरियापथिय त्रि., ईर्यापथ के अभ्यास से उदित (सम्पजन्य), भव्य शारीरिक चेष्टाओं से सङ्गति रखने वाला - यं नपुं.. प्र. वि., ए. व. – चारित्तं अथ वारित्त, इरियापथियं पसादनियं, थेरगा. 591; इरियापथियं पसादनियन्ति परेसं पसादावह आकप्पसम्पत्तिनिमित्तं इरियापथनिस्सितं सम्पजज थेरगा. अट्ठ. 2.179. For Private and Personal Use Only

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