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इस्सरियपरियोसान
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इस्सरियसम्पत्ति
द्वि. वि., ए. व. - झानिस्सरियतम्पत्तो यो हि ब्रह्मा सहम्पति,
सद्धम्मो. 422. इस्सरियपरियोसान त्रि., ब. स. [ऐश्वर्यपर्यवसान], ऐश्वर्य
या प्रभुत्व को अपना अन्तिम लक्ष्य मानने वाला, राज्यपद को अन्तिम लक्ष्य बनाने वाला - ना पु., प्र. वि., ब. व. - "खत्तिया खो, ब्राह्मण, भोगाधिप्पाया पञ्जूपविचारा बलाधिट्ठाना पथवीभिनिवेसा इस्सरियपरियोसाना ति, अ. नि. 2(2).75; इस्सरियपरियोसानाति रज्जाभिसेकपरियोसाना,
अ. नि. अट्ठ. 3.121. इस्सरियपरिवार पु., तत्पु. स., आधिपत्य या प्रभुत्व की प्रचुरता, भव्य यश का आधिक्य - रेन त. वि., ए. व. - पज्जलतीति इस्सरियपरिवारेन पज्जलति, जा. अट्ठ. 6.17. इस्सरियपरिहार पु., कर्म. स., ऐश्वर्यमयी सामग्री, भव्य उपकरण, शाही साजो-सामान – रेन तु प्र. वि., ए. व. - ... तस्स महन्तेन इस्सरियपरिहारेन न्हायन्तस्स न्हानपरियोसानं आगमेत्वा ..., म. नि. अट्ठ (म.प.) 2.199. इस्सरियप्पमाण नपुं., तत्पु. स. [ऐश्वर्यप्रमाण], ऐश्वर्य एवं धन की मात्रा – णेन तृ. वि., ए. व. -- इस्सरियमत्तायाति इस्सरियप्पमाणेन .... दी. नि. टी.(लीन.) 2.123. इस्सरियबल नपुं., तत्पु. स. [ऐश्वर्य-बल], ऐश्वर्य या प्रभुत्व का बल, उच्च अधिकार का बल, कुशलकर्मों की प्रचुरता का बल - लेन तृ. वि., ए. व. - इस्सरियबलेन अभिभूतं मातुगाम नेव रूपबलं तायति, स. नि. 2(2).241; अधिप्पायो पनेत्थ - नाहं बुद्धोति इस्सरियबलेन वदामि, खु. पा. अट्ठ. 134; - लं प्र. वि., ए. व. - "अपि च, अट्ठसट्टि बलानि - सद्धाबलं ... इस्सरियबलं ... दसतथागतबलानि, पटि. म. 343; कतम इस्सरियबलं? ... कामछन्दं पजहन्तो नेक्खम्मवसेन चित्तं वसं वत्तेतीतिइस्सरियबलं, पटि. म. 346; कुसलेसु बहुभावो इस्सरियबलं, पटि. म. अट्ठ. 2.211; ख. त्रि., ब. स., ऐश्वर्य या प्रभुता के बल से सम्पन्न - ला पु., प्र. वि., ब. व. - रुण्णबला, भिक्खवे, दारका ... इस्सरियबला राजानो, अ. नि.
3(1).58. इस्सरियभाव पु., [ऐश्वर्यभाव], अहंकार, दर्प, घमण्ड - वं द्वि. वि., ए. व. - इमिना अत्तनो इस्सरियभावं दीपेति, जा. अट्ठ. 7.231; अथ वा कन्तभावं इस्सरियभावं निप्फन्नभावं पत्तो, महानि. अट्ठ. 65; स. उ. प. के रूप में, सब्बलोकि.पु., समस्त लोकों पर प्रभुत्व की अवस्था - वं द्वि. वि.,
ए.व.- अभिसेको विय रुञो सब्बलोकिस्सरियभावं पारा.
अट्ठ. 1.102. इस्सरियमत्ता स्त्री., तत्पु. स. [ऐश्वर्यमात्रा], ऐश्वर्य की मात्रा, प्रभुत्व का प्रमाण, ऐश्वर्य - य तृ. वि., ए. व. - मगधरडे वा महामत्ता महतिया इस्सरियमत्ताय समन्नागताति मगधमहामत्ता, दी. नि. अट्ठ. 2.116; इस्सरियमत्तायाति इस्सरियप्पमाणेन, इस्सरियेन चेव वित्तूपकरणेन चाति एवं
वा अत्थो दट्टब्बो, दी. नि. टी. (लीन.) 2.123. इस्सरियमद पु., तत्पु. स. [ऐश्वर्यमद], आधिपत्य का
घमण्ड, अधिकारसम्पन्न होने का नशा - देन त. वि., ए.
व. - राजा पन खत्तियमानेन इस्सरियमदेन मत्तो हत्वा ___..., जा. अट्ठ. 6.224. इस्सरियमदमत्त त्रि., तत्पु. स. [ऐश्वर्यमदमत्त], ऐश्वर्य के
अहंकार से ग्रस्त, शक्ति या अधिकार के मद से उन्मत्त - त्तानं पु., ष. वि., ब. व. - अं खत्तियानं मुद्धावसित्तानं इस्सरियमदमत्तानं कामगेधपरियुट्टितानं .... स. नि. 1(1).119; - त्तो पु., प्र. वि., ए. व. - एकस्मिहि काले राजा इस्सरियमदमत्तो किलेससुखनिस्सितो विनिच्छयम्पि न पट्टपेसि, जा. अट्ठ. 4.157. इस्सरियलुद्ध त्रि., तत्पु. स. [ऐश्वर्यलुब्ध], ऐश्वर्य पाने के प्रति लालच रखने वाला, प्रभुत्व के प्रति लोलुप-द्धो पु.. प्र. वि., ए. व. - न नं इस्सरियलुद्धो पुरोहितो परित्ताणं
कातुं सक्खि , जा. अट्ठ. 3.139. इस्सरियवोसग्ग पु., तत्पु. स. [ऐश्वर्यव्यवसर्ग], ऐश्वर्य या प्रभुत्व का परित्याग - ग्गेन तृ. वि., ए. व. - ... सम्माननाय अनवमाननाय अनतिचरियाय इस्सरियवोस्सग्गेन अलङ्कारानुप्पदानेन ..., दी. नि. 3.144; स. प. के अन्त.,
... सम्मा परिहरन्तो भरिय इस्सरियवोस्सग्गअलङ्कारदानसम्माननादीहि ..., जा. अट्ठ. 5.234. इस्सरियसंवत्तनिय त्रि, तत्पु. स. [ऐश्वर्यसंवर्तनिक]. ऐश्वर्य या प्रभुत्व को देने वाला, ऐश्वर्य में परिणत होने वाला - यं नपुं., प्र. वि., ए. व. - ननु अस्थि इस्सरियसंवत्तनियं कम्मं अधिपच्चसंवत्तनियं कम्मन्ति? कथा.
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इस्सरियसम्पत्ति स्त्री., तत्पु. स. [ऐश्वर्यसम्पत्ति, ऐश्वर्य
की सम्पदा, प्रभुत्व या अधिकार का सुख, ऐश्वर्य से प्राप्त सुखों की प्रचुरता, स. उ. प. के रूप में, - देवराजभोगसम्पत्तिसदिस ... तिं द्वि. वि., ए. व.,
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