Book Title: Pali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 02
Author(s): Ravindra Panth and Others
Publisher: Nav Nalanda Mahavihar
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इत्थिछन्द
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इत्थिपण्डका/इत्थिपण्डिका
इत्थिछन्द पु., तत्पु. स., स्त्री की मानसिक प्रवृत्ति, नारी के
मन की रुझान, नारी का मानसिक अभिप्राय – न्दं द्वि. वि., ए. व. - इत्थि अज्झत्तं इत्थिन्द्रियं मनसि करोति .... इत्थिछन्द... इत्थालङ्कार.. अ. नि. 2(2).203; इस्थिछन्दन्ति
इत्थिया अज्झासयच्छन्द, अ. नि. अट्ठ. 3.169. इत्थिजन पु., [स्त्रीजन], नारी-समूह – ने सप्त. वि., ए.
व. - अलङ्कतपटियत्ते इत्थिजने असुभसञ्ज उप्पादेत्वा, अ. नि. अट्ट, 1.200. इत्थित्त नपुं., इत्थी का भाव. [स्त्रीत्व], नारीत्व, स्त्री का हावभाव एवं मानसिकता - त्तं' प्र. वि., ए. व. - इत्थिकुत्तं इत्थाकप्पो इत्थत्तं इत्थिभावो, विभ. 138; - त्तं द्वि. वि., ए. व. - सा इत्थित्तं विराजेत्वा पुरिसत्तं भावेत्वा
कायस्स ... सग्गं लोकं उपपन्ना, दी. नि. 2.199. इत्थिदान नपुं, तत्पु. स. [स्त्रीदान]. नारियों का दान, दान
के रूप में स्त्री को दे देना - नं प्र. वि., ए. व. - पञ्च दानानि अपुञानि पुञ्जसम्मतानि लोकस्मि मज्जदानं, समज्जदानं, इत्थिदानं, उसभदानं, चित्तकम्मदानं, परि. 254. इत्थिधन नपुं, तत्पु. स. [स्त्रीधन], स्त्री की निजी सम्पत्ति, पत्नी का अपना धन, यौतुक या दहेज के रूप में प्राप्त नारी का निजी धन - नं प्र. वि., ए. व. - मातु मत्तिक इथिकाय इत्थिधनं पारा. 17; इत्थिकाय इत्थिधनन्ति हीळेन्तो आह, इत्थिकाय नाम इत्थिपरिभोगानंयेव न्हानचुण्णादीनं
अत्थाय लद्धं धनं कित्तकं भवेय्य, पारा. अट्ठ. 1.162. इत्थिधुत्त पु., तत्पु. स., स्त्रियों में बुरी तरह आसक्त, नारी
के प्रति दृढ़ मानसिक लगाव रखने वाला लम्पट पुरुष, स्त्रियों में धुत - त्तो प्र. वि., ए. व. - इत्थिधुत्तो सुराधुत्तो, अक्खधुत्तो च यो नरो, सु. नि. 106; इत्थिधुत्तोति इत्थीसु सारत्तो यं किञ्चि अत्थि, तं सब्बम्पि दत्वा अपरापरं इत्थिं सङ्गहाति, सु. नि. अट्ट, 1.136; पापमित्तसंसग्गेन पन इत्थिधुत्तो सुराधुत्तो, पे. व. अट्ट, 6; - त्ता ब. व. - इत्थिधुत्तसुराधुत्तादयो वा, धुत्ता एवं पच्चथिका धुत्तपच्चस्थिका, पारा. अट्ठ. 1.214; यदा एवरूपा इत्थिधुत्ता "इमा अम्हे न
जहिस्सन्ती ति, जा. अट्ठ. 4.165. इथिनिमित्त नपुं., तत्पु. स. [स्त्रीनिमित्त], क. स्त्री का विशिष्ट चिह्न, स्त्री-इन्द्रिय, योनि - त्ते सप्त. वि., ए. व. - एत्थ च इत्थिनिमित्ते चत्तारि पस्सानि, पारा. अट्ठ. 1.205; - तेन तृ. वि., ए. व. - इथिनिमित्तेन च परिसनिमित्तेन चाति उभोहि ब्यञ्जनेहि समन्नागता, पारा.
अट्ठ. 2.122; ख. स्त्री के लैङ्गिक लक्षण - तं प्र. वि., ए. व. - थनमंसाविसदता, निम्मस्सुदाठिता, केसबन्धन, वत्थग्गहणञ्च “इत्थीति सजाननस्स पच्चयभावतो इत्थिनिमित्तं, विसुद्धि. महाटी. 2.89; अपरो नयो इत्थिनं मुत्तकरणं इथिलिङ्ग, सराधिप्पाया इत्थिनिमित्तं, विसुद्धि. महाटी. 2.89; यं इत्थिया इथिलिङ्ग इस्थिनिमित्तं इत्थिकुत्तं ... इदं तं रूपं इत्थिन्द्रियं, ध. स. 632(मा.). इत्थिन्द्रिय नपुं., तत्पु. स. [स्त्रीन्द्रिय], व्यक्ति को स्त्री की पहचान दिलाने वाली आत्मभाव में विद्यमान आधिपत्य की शक्ति, स्त्री-भावसूचक इन्द्रिय, स्त्रीत्व, स्त्री को पुरुष से विभाजित करने वाले विशिष्ट लक्षणों को सूचित करने वाली इन्द्रिय, बाईस, पन्द्रह, दस अथवा तीन इन्द्रियों में से एक - यं' प्र. वि., ए. व. - बावीसतिन्द्रियानि ... इस्थिन्द्रियं, परिसिन्द्रियं ..., विभ. 137; इत्थिभावे इन्द8 कारेतीति इत्थिन्द्रिय, विभ. अट्ठ. 117; इत्थिया इथिलिङ्ग इथिनिमित्तं इत्थिकुत्तं इत्थाकप्पो इत्थत्तं इत्थिभावो - इदं वुच्चति “इत्थिन्द्रियं, विभ. 138; - यं द्वि. वि., ए. व. - इत्थी, अज्झत्तं इथिन्द्रियं मनसि करोति-इथिकुत्तं इत्थाकप्पं इत्थिविधं इत्थिच्छन्दं इत्थिस्सरं इत्थालङ्कार अ. नि. 2(2).203; अज्झत्तं इथिन्द्रियन्ति नियकज्झत्ते इत्थिभावं, अ. नि. अट्ठ. 3.169; सो पनत्तभावो यं धम्म उपादाय इत्थीति वा पुरिसोति वा सङ्खगच्छति, अयं सोति निदस्सनत्थं ततो इत्थिन्द्रियं पुरिसिन्द्रियञ्च, विभ. अट्ठ. 118-119; - निद्देस पु., स्त्रीलिङ्ग अथवा स्त्रीभाव की निर्धारक इन्द्रिय का विवेचनपरक व्याख्यान - से सप्त. वि., ए. व. - इथिन्द्रियनिद्देसे यन्ति करणवचनं, ध. स. अट्ठ. 353; - पुरिसिन्द्रिय नपुं०, द्व. स. [स्त्रीन्द्रियपुरुषेन्द्रिय], स्त्रीइन्द्रिय एवं पुरुषेन्द्रिय, स्त्रीत्त्व एवं पुरुषत्व की निर्धारक इन्द्रियां, स्त्रीभाव एवं पुरुषभाव - यानं ष. वि., ब. व. - इत्थिन्द्रियपुरिसिन्द्रयानं इत्थिपुरिसलिङ्गनिमित्तकुत्ताकप्पाकारानुविधानं विसुद्धि. 2.120; तुल., विभ, अट्ठ. 119; - यानि द्वि. वि., ब. व. - तेस इथिन्द्रियपरिसिन्द्रियानि
वज्जेत्वा वीसतिन्द्रियानि होन्ति, अभि. अव. 176. इत्थिपण्डका/इत्थिपण्डिका स्त्री०, कर्म स., स्त्रीत्त्व के विशिष्ट लक्षणों से रहित स्त्री, हिजड़ा स्त्री, प्र. वि., ए. व. - नसि इत्थिपण्डका, चूळव. 435; इत्थिपण्डकाति अनिमित्ताव वुच्चति, पारा, अट्ठ2.122; अक्कोसति नाम अनिमित्तासि, निमित्तमत्तासि ... सिखरणीसि, इत्थिपण्डकासि, पारा. 190.
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