Book Title: Pali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 02
Author(s): Ravindra Panth and Others
Publisher: Nav Nalanda Mahavihar
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इद्ध
इत्वा/इत्वान
323 पेसेसि, जा. अट्ठ. 1.277; तथा इत्थीनम्पि सा पटिच्चसमुप्पादो चाति, महाव. अट्ठ. 233; इदप्पच्चयता रूपसद्दगन्धरसफोडब्बानि पञ्चायुधानि, जा. अट्ठ. 5.4283; पटिच्चसम्प्पन्नेस धम्मेसुअजाणं, ध. स. 1063(मा.). - सु सप्त. वि., ब. व. - वज्झित्थियो नत्थि इत्थीसु सच्चं इदमत्थी त्रि., केवल इसी विशिष्ट (धर्म) को प्रयोजन बनाने .... इत्थीसु सच्चन्ति एतासु सभावो नामेको नत्थि, जा. अट्ठ. वाला अथवा उसे पाने की इच्छा करने वाला - त्थिता 2.99; 2. द्रष्ट. इत्थियुत्तेन; 3. व्याकरण के विशेष सन्दर्भ स्त्री., इदमत्थी का भाव, केवल इसी (विशेष धर्म) को पाने में, स्त्रीलिङ्ग - यं सप्त. वि., ए. व. - तस्सा इत्थियं की इच्छा - तं द्वि. वि., ए. व. - निस्साय इदमस्थितओव वत्तमानाय आकारस्स इकारो होति वा संसासु एकवचनेस निस्साय आरञ्जिको होति, परि. 256; तं इदमत्थितंयेव विभत्तादेसेस, क. व्या. 64; इत्थियमतो आप्पच्चयो-इत्थियं निस्साय न अझं किञ्चि लोकामिसन्ति अत्थो, परि. अट्ठ. वत्तमानाय अकारन्ततो आप्पच्चयो होति, क. व्या. 237; स. 177; - ता प्र. वि., ए. व. - इदमत्थिताति इमे उ. प. के रूप में, अधि., अनाचारि०, अनि., अमनुस्सि., धुतङ्गचेतनाय परिवारका पञ्च धम्मा, विसुद्धि. 1.80. अलङ्कति., आरक्खि., उच्छिट्टि, उत्तमि., उपट्ठाकि., कपणि., इदानि अ०, समयसूचक निपा., क्रि. वि. के रूप में वाक्यों कामि., काळि., कुलि., चतुरि., चतुरि-विमान. जनपदि०, में प्रयुक्त [इदानीम्], इस समय में, अब, आजकल, अभी तरुणि., तिरच्छानगति., दहरि., दुग्गतिः, दुट्टि., नच्चि... कुछ ही समय पूर्व में - कदा कुदा सदाधुनेदानि, मो. व्या. नागरकि०, नाटकि०, नानि., पण्डकि., पर-परिग्गहिति., 4.106; नाहं इदानियेव ऊरुवेलकस्सपं दमेमि, जा. अट्ठ. पापि., पुमि०, भुजिस्सि., मज्झिमि., मति., मनुस्सि., 1.92; इमं इदानि इह इतो इध, सद्द. 3.676; क. वर्त. के महल्लकि., महि., राजि., वञ्झि, वरि., वल्लभि., सबि., क्रि. प. के साथ प्रयुक्त, अभी ही, तुरन्त ही- इदानेव खो
सभत्तु., स-सामिकि., सस्सामिकि०, सुत्ति के अन्त. द्रष्ट.. मयं आयस्मतो सारिपुत्तस्स भासितं एवं आजानाम, म. नि. इत्वा/इत्वान Vइ (जाना) का पू. का. कृ. [इत्वा], जाकर 1.375; इदानिपि आगन्तुको निद्दायति, ध, प. अट्ठ. 1.280;
- पटिमुखं इत्वा, इत्वान ... उपेतून अआनिपि ख. भवि. के क्रि. प. के साथ प्रयुक्त, अब इसके आगे, अब बुद्धवचनानुरूपतो, सद्द. 2.315.
से - इदानि पन मयं यं इच्छिस्साम, तं करिस्साम, दी. इत्वेव/इच्चेव अ., इति + एव के योग से व्यु. [इत्येव], नि. 2.122; सचे इदानि एक अजिकं पादे गहेस्सामि, जा. ऐसा ही, इस तरह से ही, यही - इत्वेव चोरो अट्ठ. 1.235; ग. भू. क. कृ., पू. का. कृ. अथवा अद्य. के
असिमावुधञ्च, म. नि. 2.310; इत्वेवाति एवं वत्वायेव, म. क्रि. प. के साथ प्रयुक्त, वर्तमान समय में, अभी अभी, कुछ नि. अट्ठ. (म.प.) 2.238; इच्चेव चोरो असिमावृधञ्च, सोब्भे ही समय पूर्व - इदानेव खो, आनन्द, अज्ज चापाले पपाते नरके अन्वकासि, थेरगा. 869; तत्थ इच्चेवाति इति चेतिये मारो पापिमा येनाहं तेनुपसङ्कमि, दी. नि. 2.88; "न, एव एवं वत्वा अनन्तरमेव, थेरगा. अट्ठ. 2.279.
भिक्खवे, इदानेव, पुब्बेपेस अम्बगोपको हुत्वा ..., जा. अट्ठ. इद 1. निपा. इध का (धकार के स्थान पर दकारादेश कर 3.117; ते इदानि अतिसायन्हो, मेघो च उद्वितो, ध. प.
देने से निर्मित) विपरिवर्तित रूप [इध], यहां, 2. इम, सर्व अट्ठ. 1.12; सत्तेसु मेत्ताभावनं दस्सेत्वा इदानि का नपुं., प्र. वि., ए. व. 'इदं' का विपरिवर्तित रूप, यह अहितदुक्खानागमपत्थनावसेनापि तं दस्सेन्तो, खु. पा. - एकमिदाहं, समयं येन पूरणो कस्सपो तेनुपसङ्कमि, दी. अट्ठ. 200. नि. 1.46; एकमिदाहं, समयं राजगहे विहरामि गिरिब्बजे, इद्ध त्रि., Vइध का भू. क. कृ., प्रायः फीत के साथ प्रयुक्त म. नि. 1.39; एकमिदाहन्ति एत्थ इदन्ति निपातमत्तं एक [ऋद्ध], समृद्ध, सम्पन्न, धनी, भौतिक सम्पदाओं से परिपूर्ण, अहन्ति अत्थो, दी. नि. अट्ठ. 1.207; एकमिदाहन्ति एत्थ सकल वैभवों से सम्पन्न, सौभाग्यशाली, खुशहाल -द्धा इदाति निपातमत्तं, एकस्मिं समये अहन्ति वुत्तं होति, म. पु., प्र. वि., ब. व. - इज्झन्ति वा सत्ता एताय इद्धा वुद्धा नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).160; - प्पच्चय त्रि., कारणसापेक्ष, उक्कसगता होन्तीति इद्धि, सद्द. 2.484; क. नगरों, जनपदों, इसकी कारणता वाला - या प. वि., ए. व. - इमेसं देशों आदि के विशे. के रूप में प्रयुक्त, धन-धान्य आदि से पच्चया इदप्पच्चया, सद्द. 1.277; सचेपि चवति इदप्पच्चया परिपूर्ण - द्धो पु., प्र. वि., ए. व. - अयं जम्बुदीपो इद्धो मे चवति, पटि. म. 302: - पच्चयता स्त्री॰, भाव., चेव भविस्सति फीतो च, दी. नि. 3.55; स. प. के रूप कारणसापेक्षता - ता प्र. वि., ए. व. - इदप्पच्चयता च में, इद्धो फीतो महाजनपदो सजनो समुच्छिन्नो, मि. प.
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