________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आपाथक
117
आपादेति
- त्ता प. वि., ए. व. - तत्थ असम्भिन्नत्ता चक्खुस्स, आपाथगतत्ता रूपानं, आलोकसन्निस्सितं, मनसिकारहेतुकं ..., ध. स. अट्ठ. 318; - गम पु., गम से व्यु., आपाथ अथवा विषय बन जाना, आलम्बनत्व - मेन तृ. वि., ए. व. - असम्भेदेन चक्खुस्स, रूपापाथगमेन च, ... जायते चक्खुविजाणं, अभि. अव. 69; - गमन नपुं.. उपरिवत् - नं प्र. वि., ए. व. - एवं पच्चुप्पन्न रूपादीन चक्खुपसादादिघट्टनञ्च भवङ्गचलनसमत्थताय मनोद्वारे आपाथगमनञ्च अपुब्बं अचरिमं एकक्खणेयेव होति, ध. स. अट्ठ. 117-118; – ने सप्त. वि., ए. व. - ... अत्तनो आपाथगमने सति... अत्थो, उदा. अट्ठ. 290; - द्वान नपुं.. तत्पु. स. [आपाथस्थान], दृष्टिपथ में आया हुआ स्थान - ने सप्त. वि., ए. व. - आपाथकज्झायीति मनुस्सानं आपाथट्टाने समाधिसमापन्नो... झायी, विसुद्धि. महाटी. 1.50; - दस त्रि०, आपाय+दिस से व्यु., दृष्टिपथ में आए हुए सभी कुछ को देखने वाला- सो पु., प्र. वि., ए. व. - गहपात, अरियसावको महापओ पुथुपओ आपातदसो पञआसम्पन्नो, अ. नि. 1(2).78; पाठा. आपातदसो; - मत्त त्रि.., [आपाथमात्र], वह, जो इन्द्रियों अथवा चित्त के आलम्बन मात्र के रूप में है, केवल विषय, केवल गोचर - त्ता पु., प्र. वि., ब. व. - अञत्र अभिनिपातमत्ताति अञत्र आपातमत्ता, विभ. 363; पाठा. आपातमत्ता; - रमणीय त्रि., तत्पु. स. [आपाथरमणीय], आपाथ अथवा इन्द्रियों के गोचर के रूप में मनोहर एवं आकर्षक, इन्द्रियों द्वारा ग्रहण किए जाते ही मनोहारी - तो प. वि., ए. व. - भगवतो एव वा वचनं अभिक्कन्तं ... आपाथरमणीयतो, ... आह, उदा. अट्ठ.233-34. आपाथक पु., आपाथ से इसी शब्द के अर्थ में व्यु. - के।
सप्त. वि., ए. व. - ... आपाथके जनस्स पाकटट्ठाने झायी, विसुद्धि. महाटी. 1.50; - ज्झायी त्रि., लोगों की दृष्टि के सामने ही ध्यान लगाने का ढोंग रचने वाला - यी पु., प्र. वि., ए. व. - ... समाहितो विय सेय्यं कप्पेति, आपाथकज्झायीव होति, महानि. 164; आपाथकज्झायीव होतीति सम्मुखा आगतानं मनुस्सानं झानं समापज्जन्तो विय सन्तभावं दस्सेति, महानि. अट्ठ. 269; - निसादी त्रि., लोगों के दृष्टिपथ में बैठने वाला, लोगों के आमने सामने बैठने वाला-दी प्र. वि., ए. व. - तपस्सी आपाथकनिसादी होति, दी. नि. 3.31; आपाथकनिसादी होतीति मनुस्सानं आपाथे दस्सनट्ठाने निसीदति, दी. नि. अट्ठ. 3.20.
आपाद पु., आ +vपद से व्यु. [आपाद], प्राप्ति, अवाप्ति, परिग्रह, पारिश्रमिक - दो प्र. वि., ए. व. - अनापादासूति
आपादानं आपादो, परिग्गहोति अत्थो, जा. अट्ठ. 4.160. आपादक 1. त्रि., आ + पद से व्यु., उत्पन्न करने वाला, ले जाने वाला - कं नपुं., वि. वि., ए. व. - अभिआपादक चतुत्थज्झानं समापज्जित्वा ..., वि. व. अट्ठ. 4; 2. नपुं, शिशु की देख-रेख करने वाला, संरक्षक, प्रतिपालक - का पु.. प्र. वि., ब. व. - बहुकारा, मातापितरो पुत्तानं आपादका पोसका इमस्स लोकस्स दस्सेतारो, अ. नि. 1(1).78; आपादकाति वड्डका अनुपालका, अ. नि. अट्ठ. 2.28; - दिका स्त्री., धाय, धात्री, उपमाता, पालने-पोसने वाली नारी- का प्र. वि., ए. व. - बहूपकारा, भन्ते, महापजापति गोतमी भगवतो मातच्छा आपादिका पोसिका खीरस्स दायिका, म. नि. 3.303; आपादिकाति संवडिका, तुम्हाकं हत्थपादेसु हत्थपादकिच्चं असाधेन्तेसु हत्थे च पादे च वड्डत्वा पटिजग्गिकाति अत्थो, म. नि. अट्ठ. (उप.प.) 3.232-33; तस्स बुद्धस्स मातुच्छा, जीवितापादिका अयं अप. 2.206. आपादित त्रि., आ + पद के प्रेर. का भू. क. कृ. [आपादित], 1. पूरा किया जा चुका, प्राप्त हो चुका, निष्पादित, प्राप्त कराया जा चुका - तो पु., प्र. वि., ए. व. - संवेगमापादितोति- महानि. 301; घट्टितोति, घट्टनमापादितो, महानि. अट्ठ. 381; ... पूतिभावं आपादितरुक्खो विय ..., स. नि. अट्ठ. 3.77; उक्खित्तभण्डिकभावं आपादितेति अत्थो, महाव. अट्ठ. 385; 2. पाला या पोसा गया, भरण-पोषण किया गया - तो पु., प्र. वि., ए. व. - आपादितोति उपड्ढबलितो पटिपादितो, महानि. अट्ठ. 228; - तं नपुं.. प्र. वि., ए. व. - ... जीवितं आपादितं पालितं... पवत्तितं. अ. नि. अट्ठ. 2.100; - त्त नपुं., आपादित का भाव. [आपादितत्व], प्राप्त करायी गयी अवस्था अथवा स्थितित्ता प. वि., ए. व. - ... अनुप्पत्तिधम्मतं आपादितत्ता ...
अत्थो, उदा. अट्ठ. 38. आपादेति आ +vपद का प्रेर., वर्त., प्र. पु., ए. व. [आपादयति], 1. (किसी विशेष स्थिति अथवा अवस्था को) प्राप्त कराता है अथवा उसमें पहुंचा देता है, निष्पादित कराता है --- सो अभिक्कमन्तो पटिक्कमन्तो बहू खुद्दके पाणे सङ्घातं आपादेति, म. नि. 2.45; ... वधं आपादेति, म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2.42; - न्ति ब. व. - ... यावजीवं परिपुण्णं परिसुद्धं ब्रह्मचरियं चरन्ति, अद्धानञ्च आपादेन्तीति, स. नि. 2(2).118; आपादेन्तीति पवेणिं पटिपादेन्ति, दीघरत्तं
For Private and Personal Use Only