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आलोकेति
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आलोपपिण्डदातु
आलोकेति आ + Vलुक का वर्त, प्र. पु., ए. व., प्रायः वध-बन्धन-विपरामेस-सहसाकारा पटिक्रितो" में प्रयुक्त - 'विलोकेति' के साथ प्रयुक्त [आलोकेति], शा. अ.. पो प्र. वि., ए. व. - छेदनवधबन्धनविपरामोस सामने की ओर अथवा अपने आगे की ओर देखता है, ला. आलोपसहसाकारा पटिविरतो, दी. नि. 1.5; आलोपो वुच्चति अ., मान बैठता है, समझ लेता है - भिक्खु ..., आलोकेति गामनिगमादीनं विलोपकरणं, दी. नि. अट्ठ. 1.74; म. नि. न पस्सति, स. नि. 1(1).230; तव पुथुज्जनिकइद्धिया। अट्ट (मू.प.) 1(2).112; आलोपसहसाकारा, निकती जलन्तं अङ्गुट्टकं आलोकेति, स. नि. अट्ठ. 1.255; - वञ्चनानि च, जा. अट्ठ. 4.11; - पा ब. व. - तत्थ न्तस्स वर्त. कृ., पु.. ष. वि., ए. व. - आलोकेन्तरस वा वधो च बन्धो च निकती वञ्चनानि च, आलोपा सहसाकारा, ... कायस्स थम्भना, ध. स. 720; - केय्य विधि., प्र. पु., तानि सो तत्थ सिक्खति, जा. अट्ठ. 4.394; 2. भोजन का ए. व. - सतो आलोकेय्य, सतो विलोकेय्य चूळनि. 35; ग्रास या कौर, निवाला, बहुत थोड़ा भोजन - पो प्र. वि., - केसि अद्य., प्र. पु., ए. व. - राहुलो ... तथागतं ए. व. - आलोपो कबळो भवे, अभि. प. 466; परिमण्डलो आलोकेसि, म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2.95; - केस्सामि भवि., आलोपो कातब्बो, चूळव. 357; - पं द्वि. वि., ए. व. - उ. पु., ए. व. - "आलोकेस्सामी ति चित्ते उप्पन्ने म. नि. दीघं आलोपं करोन्तस्स दुक्कट परि. 49; - यदन्तरं अट्ठ. (मू.प.) 1(1).272; - त्वान पू. का. कृ. - एक आलोपं सवादित्वा अज्झोहरामि, अ. नि. 2(2).24; सो आलोकेत्वान जानाति “अयं धम्मो ... ति सम्मा योजना, मे पक्केन हत्थेन, आलोपं उपनामयि, थेरगा. 1058; -- पेटको. 334; - केतब्बा सं. कृ., स्त्री., प्र. वि., ए. व. - स्स ष. वि., ए. व. - आलोपस्स आलोपस्स अनुरूप पुरत्थिमा दिसा आलोकेतब्बा होति..... पच्छिमा दिसा, ..... यावचरिमालोपप्पहोनकं मच्छमंसादिब्यञ्जनं पक्खिपितब्ब आलोकेतब्बा होति, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).272; - पारा. अट्ठ. 2.256; - पे' सप्त. वि., ए. व. – दिब्बं ओज तब्बं नपुं.. प्र. वि., ए. व. - एवं ते आलोकितब्बं, एवं ते गहेत्वा ... उद्धटुद्धटे आलोपे आकिरन्ति, मि. प. 217; - विलोकितब्ब, म. नि. 2.132; - तो भू. क. कृ., पु.. प्र. पे द्वि. वि., ब. व. - चत्तारो पञ्च आलोपे सङ्घादित्वा वि., ए. व. - आलोकिते च वीरेन पक्कामि, पाचिनामुखो, अज्झोहरामि, अ. नि. 2(2).23; - पेहि तृ/प. वि., ब. व. अप. 1.129; - कापेतुं प्रेर., निमि. कृ. - रूपकायं.... - फासुविहारो नाम चतूहि पञ्चहि आलोपेहि ऊनूदरता, आलोकापेतुं विलोकापेतु, ध. स. अट्ठ. 127.
ध. स. अट्ठ. 424; - पानं ष. वि., ब. व. - चतुन्नं पञ्चन्न आलोकेतु पु., आ + Vलोक से व्यु., क. ना. [आलोकयितृ] आलोपानं ओकासे सति, म. नि. अट्ठ. (मू.प.)
आलोकन की क्रिया को करने वाला, आगे की ओर देखने 1(1).292. वाला, सामने की ओर ताकने वाला - ता प्र. वि., ए. व. आलोपट्ठितिका स्त्री., 'निमन्तन' पर भिक्षुओं को एक एक
- आलोकेता वा विलोकेता वा नत्थि, दी. नि. अट्ठ. 1.158. ग्रास भोजन देने की प्रथा, प्र. वि., ए. व. - आलोपट्ठितिका आलोङहरञ्सू पु., व्य. सं., म्या-मां के एक प्राचीन शासक नाम नत्थि, सारत्थ. टी. 3.368. का नाम, क्या-सिस्था का पौत्र - कलियुगे हि आलोपति आ + Vलुप का मुद के मि. सा. के आधार पर अट्ठासीताधिके सत्तवस्ससते नरपतिरओ धीताय सद्धिं वर्तः, प्र. पु., ए. व. [आलोपति], लूट लेता है, छीन लेता आलोङहचञ्सू-रो पुत्तो आनन्दसुरियो नाम सन्थवं कत्वा है, डकैती करके ले लेता है - आलोपति साहसा यो परेसं एक समिद्धिक नाम पुत्तं विजायि, सा. वं. 86.
थेरगा. 743; जिनापेति परं हन्त्वा, वधित्वा अथ सोचयित्वा, आलोचन नपुं., आ + Vलोच से व्यु., क्रि. ना. [आलोचन]. आलोपति सहसा यो परेस, थेरगा. अट्ठ. 2.237. देखना, सर्वेक्षण करना, जांच पड़ताल करना - नं प्र. वि., आलोपदान नपुं., तत्पु. स., एक ग्रास भोजन का दान, ए. व. - आलोचनं पेक्खनं सद्द. 2.558; स. उ. प. के स्वल्प मात्रा में भोजन दान - नं द्वि. वि., ए. व. - तेल रूप में, दिसा., दिशाओं की ओर देखना - नं द्वि. वि., ए. ..... मालोपदानं च अदापयिं, म. वं. टी. 549. व. - दिसालोचनमाहंसु, चतुत्थो नयलञ्जको, पेटको आलोपपिण्डदातु त्रि., बहुत कम मात्रा में भोजन का दान 167.
करने वाला, केवल एक ग्रास-मात्र भोजन का दान करने आलोप पु., आ + Vलुप से व्यु. [आलोप], 1. लूटपाट, वाला - तारो पु., प्र. वि., ब. व. - आलोपपिण्डदातारो, झीना-झपटी, छीन लेना, डकैती, लूट लेना, प्रायः "छेदन- पटिग्गहे परिभासिम्हसे, पे. व. 397: आलोपपिण्डदातारोति
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