________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
आचमन
35
आचमेति
आचमनपादुका स्त्री., तत्पु. स. [आचमनपादुका, पैरों को धोने के लिए रखा गया लकड़ी का तख्ता या पीढ़ा - कं द्वि. वि., ए. व. - तिस्सो पादुका धुवट्ठानिया असङ्कमनियायो - वच्चपादुकं, परसावपादुकं आचमनपादुकन्ति, महाव. 264; दुक्खं निसिन्ना आचमेन्ति ... अनुजानामि, भिक्खवे, आचमनपादुकन्ति, आचमनपादुका पाकटा होन्ति, चूळव. 263; - य सप्त. वि., ए. व. - आचमनपादुकाय ठितेन
उभजितब्बं चूळव. 366. आचमनसरावक पु., तत्पु. स., विहार के शौचालय (वच्चकुटी)
के बाहर रखे पानी से भरे मटके से पानी निकालने हेतु प्रयोगों में लाया जाने वाला पात्र - को प्र. वि., ए. व. -
आचमनसरावको न होति ... अनुजानामि, भिक्खवे, __ आचमनसरावक न्ति, चूळव. 263; - के सप्त. वि., ए. व.
- चपुचपुकारकम्पि आचमेन्ति, आचमनसरावकेपि उदक
सेसेन्ति, चूळव. 366. आचमापेन्ति आ + चम के प्रेर. का वर्त, प्र. पु., ब. व.,
आचमन कराते हैं, शौचक्रिया के उपरान्त धुलवाते हैं - ततो पट्ठाय नं नेव नहापेन्ति न च आचमापेन्ति, जा. अट्ठ.
6.8.
मितुं निमि. कृ. - वन्ते अहं आचमितुं न उस्सहे, थेरगा.
1128; पाठा. आवमितुं. आचमन नपुं.. आ +/चम से व्यु., क्रि. ना. [आचमन], धार्मिक अनुष्ठान के अवसर पर जल द्वारा मुख एवं समस्त शरीर की शुद्धि करना, हथेली पर जल लेकर चूंटचूंट करके पीना, मलत्याग के उपरान्त जल द्वारा मलद्वार को धोना - वत्थुकम्म वत्थुपरिकम्म आचमनं न्हापनं जहनं वमनं विरेचनं .... दी. नि. 1.10; आचमनन्ति उदकेन मुखसुद्धिकरणं, दी. नि. अट्ठ. 1.863; स. उ. प. के रूप में उदका.- नपुं.. तत्पु. स. [उदकाचमन], जल द्वारा मुख को धोना – नानि प्र. वि., ब. व. - कुहना वङ्कदण्डा च, उदकाचमनानि च स. नि. 2(2).124; उदकाचमनानि चाति उदकेन मुखपरिमज्जनानि, स. नि. अट्ठ. 3.43; सुद्धिका. - नपुं.. कर्म. स. [शुद्धिकराचमन]. शुद्ध कर देने हेतु किया गया आचमन या जल का पान - नं द्वि. वि., ए. व. - केचि उत्तरन्ति केचि उत्तरित्वा सुद्धिकआचमनं करोन्ति, उदा. अट्ठ. 60; स. पू. प. के रूप में नोदक - नपुं.. तत्पु. स. [आचमनोदक], आचमन के लिए प्रयुक्त जल, धार्मिक अनुष्ठान में मुखशुद्धि एवं शरीरशुद्धि के लिए पान किया जाने वाला जल, शौचक्रिया में मलद्वार को धोने के लिए प्रयुक्त जल - कं द्वि. वि., ए. व. - आचमेहीति आचमनोदकं देहि. म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2.246; - उदकावसेस पु., तत्पु. स. [आचमनोदकावशेष]. शौचक्रिया में प्रयुक्त जल का बचा हुआ भाग - सं द्वि. वि., ए. व. - ... ... भिक्खु एकदिवसं वच्चकुटिं पविट्ठो ... आचमनउदकावसेसं भाजने ठपेत्वाव निक्खमि. म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(2).287; जा. अट्ठ. 3.429. आचमनकुम्भी स्त्री., तत्पु. स. [बौ. सं. आचमनकुम्भी]. शौचालय के बाहर शौचक्रिया में उपयोग हेतु रखा हुआ जल से भरा मटका - म्मी प्र. वि., ए. व. - आचमेति, आचमयति आचमनकुम्भी, सद्द. 2.556; - म्मिं द्वि. वि., ए. व. - आचमनकुम्भी न होति... अनुजानामि, भिक्खवे आचमनकुम्भिान्ति, चूळव. 263; - या सप्त. वि., ए. व. - सचे आचमनकुम्भिया उदकं न होति, आचमनकुम्भिया
उदकं आसिञ्चितब्ब, महाव. 54; चूळव. 370, 367. आचमनथालक नपुं, तत्पु. स., शुद्ध करने हेतु प्रयुक्त जल का पात्र - कं द्वि. वि., ए. व. - परिक्खारंदापेसि आचमनथालक सीमाविवादविनिच्छय कथा, 28.8(रो.)
आचमेति/आचमयति आ + चम के प्रेर. का वर्त, प्र. पु., ए. व. [आचमयति], हाथ पैर आदि धोने के बाद अपने मुख का प्रक्षालन करता है, धोता है, शौचक्रिया के उपरान्त प्रक्षालन करता है - आपुब्बो चमुधातु धोवने वत्तति, आचमेति आचमयति, आचमनकुम्भी, सद्द. 2.556; - सि म. पु., ए. व. - ... वच्चं कत्वा न आचमेसी ति, चूळव. 365; - न्ति प्र. पु., ब. व. - दुक्खं निसिन्ना आचमेन्ति ..., चूळव. 263; - यमानो वर्त. कृ.. पु., प्र. वि., ए. व. - ... विसं चिक्खस्सन्तो उद्धमधो आचमयमानोति, मि. प. 152; - य्य विधि., प्र. पु.. ए. व. - यो नाचमेय्य, आपत्ति दुक्कटस्सा ति, चूळव. 365; - मित्वा पू. का. कृ. - नाचमेय्य सचे वच्चं कत्वा यो सलिले सति, ... आचमित्वा सरावेपि, सेसेतब्बं न तूदक विन. वि. 2938-2939; - स्सति भवि., प्र. पु.ए. व. - कथहि नाम भिक्खु वच्चं कत्वा न आचमेस्सतीति, चूळव. 365; - तुं निमि. कृ. - भिक्खू हिरियन्ति आचमेतु ..., चूळव. 263; - यित्वान/यित्वा पू. का. कृ. - 'सयं आचमयित्वान, दत्वा सकेहि पाणिभि. अ.नि. 2(2).52; सयं आचमयित्वानाति अत्तनाव हत्थपादे धोवित्वा मुखं विक्खालेत्वा, अ. नि. अट्ठ. 3.110; ततो हि सो आचमयित्वा लिच्छवि, थेरस्स दत्वान
For Private and Personal Use Only