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भारत में अस्पृश्यता, बालविवाह, सतीप्रथा आदि जो सामाजिक नियम मिलते हैं उनके मूल में कौन-सी सामाजिक प्रेरणाएं काम कर रही थीं आदि ऐसी अनेक समस्याओं पर प्रकाश डालकर वह समाज की वस्तु-स्थिति के बारे में पूर्ण ज्ञान देता है। समाजशास्त्र यथार्थ विज्ञान है। वह वर्णनात्मक तथा इतिवृत्तात्मक है और नीतिशास्त्र मनुष्य के आचरण का विज्ञान है, आदर्श-विधायक तथा विधि-निषेधात्मक है । वह मनुष्य के कर्मों का इस आधार पर मूल्यांकन करता है कि वह एक सामाजिक प्राणी है। उसका एकाकी अस्तित्व अचिन्तनीय है । अनुभव, अध्ययन एवं मनोवैज्ञानिक चिन्तन के फलस्वरूप सभी नीतिज्ञ यह मानने लगे हैं कि मनुष्य के व्यक्तित्व के निर्माण तथा उसके चारित्रिक गठन में सामाजिक संस्थानों, वातावरण एवं परिवेश का विशिष्ट हाथ है। वह अपनी भाषा, संस्कृति, सभ्यता और नैतिक गुणों के लिए बहुत अंशों तक समाज पर निर्भर है । वह अपने जीवन के सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए सामाजिक सहयोग की याचना करता है। संक्षेप में, व्यक्ति और समाज का सम्बन्ध अन्योन्याश्रित है। इस अनन्य सम्बन्ध को सम्मुख रखते हुए कुछ नीतिज्ञों-विकासवादी सुखवादियों का कहना है कि नीतिशास्त्र समाजशास्त्र का अंगमात्र है। उसे अपने नियमों का प्रतिपादन करने के लिए पूर्णरूप से समाजशास्त्र पर आश्रित रहना चाहिए। क्योंकि नैतिकता की समद्धि सामाजिक संगठन और स्वास्थ्य पर निर्भर है। विकासवाद यह बताता है कि मनुष्य ने अपने जीवन-संरक्षण के लिए बाह्य परिवेश तथा परिस्थितियों के साथ संयोजित होने का प्रयास किया है। इस प्रयास के क्रम में उसे कुछ लाभप्रद नियम मिले। और यही नियम नैतिक हैं जो सामाजिक उन्नति के लिए आवश्यक हैं । सामाजिक विकास के साथ ही इन नियमों का विकास हुआ है जिससे यह सिद्ध होता है कि समाजशास्त्र का अध्ययन ही नैतिक नियमों का स्पष्टीकरण कर सकता है। अथवा नैतिक नियमों का ज्ञान उन नियमों का ज्ञान है जिन्हें कि जाति ने अपने संरक्षण के लिए लाभप्रद पाया । अतः समाजशास्त्रीय नीतिज्ञों का कहना है कि नीतिशास्त्र के लिए समाजशास्त्र का ज्ञान अनिवार्य है।
व्यक्ति और समाज के अनन्य सम्बन्ध को आधुनिक नीतिज्ञ मानते हैं, और परिणामस्वरूप नीतिशास्त्र और समाजशास्त्र के घनिष्ठ सम्बन्ध को स्वीकार करते हैं । नीतिशास्त्र का ज्ञान भी यह स्पष्ट करता है कि मनुष्य के सामाजिक प्राणी होने के कारण ही उसके आचरण पर नैतिक निर्णय दिया जाता है।
५२ / नीतिशास्त्र
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