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कार्ल मार्क्स
जीवनी-राइन प्रान्त के निवासी डॉक्टर कार्ल मार्क्स' जर्मन ज्यू थे। उन्होंने अपना जीवन अत्यन्त निर्धनता में बिताया । यहाँ तक कि जब उनके एक पुत्र की मृत्यु हुई तो उसे दफनाने के लिए उनके पास पैसा तक न था। वे बड़े मेधावी थे और समय के प्रतिभाशाली राजनीतिक अर्थशास्त्रवेत्ता थे। उन्होंने लन्दन जाकर विलायत के श्रम की समस्याओं का अध्ययन किया और हीगल की द्वन्द्वात्मक प्रणाली (Dialectical Method) के आधार पर अपने प्रसिद्ध द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद को जन्म दिया। वे अपने युग के एक क्रान्तद्रष्टा और विचारक थे। उन्होंने अपनी विख्यात अर्थशास्त्र की पुस्तक, 'द कैपिटल' (Das Kapital) में यन्त्रयुग की उत्पादन, वितरण तथा अतिरिक्त लाभ की समस्याओं का विश्लेषण कर पूंजीवादी प्रथा का घोर विरोध किया है। संसार के श्रमिकों को एकत्र होने के लिए आह्वान कर उन्होंने कहा, 'संसार के श्रमिकों, अपना संघटन करो. इससे तुम्हारा कुछ नहीं जायेगा, केवल तुम्हारे दासता के बन्धन जायेंगे।' इस प्रकार उन्होंने यह समझाने की चेष्टा की कि पूंजीवादी प्रथा को मिटाने के लिए रक्तक्रान्ति अथवा वर्गयुद्ध अनिवार्य है।
हीगल की द्वन्द्वात्मक प्रणाली-हीगल के अनुसार सत्ता का चरम रूप बुद्धिमय है और जो बुद्धिमय है वही वास्तविक है : सर्वत्र एक ही विचार है।
1. Kari Marx जन्म १८१८ ई० मृत्यु १८८३ ई० 2. Reality. 3. Rational. . .
कार्ल मार्क्स | २६३
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