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____ नैतिक मापदण्ड : सामान्य सुख-मिल के अनुसार नैतिक अथवा वांछनीय ध्येय सुख है और यह सुख सर्व-सामान्य का है, व्यक्ति-विशेष का नहीं। मिल कहता है कि प्रत्येक व्यक्ति अपना सुख चाहता है.। इससे यह सिद्ध होता है कि 'अधिकतम संख्या का अधिकतम सुख' सर्वश्रेष्ठ तथा वांछनीय ध्येय है । यह सुखं वस्तुगत और सार्वभौम है । जो दूसरों के लिए शुभ या वांछनीय है वही व्यक्ति के लिए भी शुभ है । अतः सामान्य सुख ही नैतिक मापदण्ड है । इसी की वृद्धि
और ह्रास के अनुरूप कर्म, प्राचरण, प्रेरणा प्रादि का मूल्यांकन किया जाता है। बैंथम ने भी सर्वसाधारण के सुख को नैतिक मापदण्ड माना था। किन्तु वह यह नहीं समझा पाया था कि स्वभाववश आत्मसुख की खोज करनेवाले व्यक्ति को क्यों अधिकतम संख्या के सुख को अपनाना चाहिए।
ताकिक युक्ति द्वारा पुष्टि-मिल ने बैंथम की इस उक्ति को ताकिक आधार देकर पुष्ट करना चाहा । एक दार्शनिक की भांति उसने स्वीकार किया कि कुछ ऐसे विचार हैं जिनको यदि बुद्धि के सम्मुख रखें तो बुद्धि अपनी अनुमति दे देगी। बुद्धि की अनुमति मिल निम्नलिखित विधि से लेता है-"कोई कारण नहीं दिया जा सकता कि सर्वसामान्य का सख क्यों वांछनीय है अतिरिक्त इसके कि प्रत्येक व्यक्ति अपने लिए सुख चाहता है 'प्रत्येक व्यक्ति का सुख उसके लिए शभ है और इसलिए सर्वसामान्य का सख व्यक्तियों के समुदाय के लिए शुभ है। मिल के द्वारा प्रस्तुत किये हुए विचार बुद्धि का समाधान कहाँ तक करते हैं, यह कहना सरल नहीं है। तर्कशास्त्र के नियम यह बतलाते हैं कि महान् तर्कशास्त्री मिल ने अपने विचारों को प्रस्तुत करने में कई भूलें की हैं । उसकी विधि में जो सबसे स्पष्ट भूल है, वह रचनात्मक हेत्वाभास (fallacy of composition) की है। तर्कशास्त्र का यह स्पष्ट पोर सामान्य नियम है कि ताकिक विधि के उत्तर-पक्ष में कोई ऐसा विचार या शब्द नहीं आना चाहिए जो पूर्व-पक्ष में न हो। मिल पूर्व-पक्ष में यह कहता है कि "प्रत्येक व्यक्ति अपने लिए सुख चाहता है" और इस तथ्य के आधार पर उत्तर-पक्ष में वह इस परिणाम पर पहुंच जाता है कि "सर्वसामान्य सूख जनसमुदाय के लिए शुभ है।" उपयोगितावाद को ताकिक आधार देने की उत्कट अभिलाषा के कारण वह प्रत्येक व्यक्ति के सुख द्वारा जनसमुदाय के सुख को सिद्ध करने का भ्रान्त, हेत्वाभासपूर्ण प्रयास करता है। प्रत्येक व्यक्ति का अपना व्यक्तित्व है, उसके सुख का
1. Utilitarianism, pp. 32-23. १५२ / नीतिशास्त्र
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