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१७ सहजज्ञानवाद (परिशेष)
कुछ महत्त्वपूर्ण सहजज्ञानवादी बुद्धिवादी सहजज्ञानवाद : परिचय-कम्बरलैण्ड और केम्ब्रिज के सहजज्ञानवादियों ने, जो प्लेटो के मूलगत सिद्धान्त को स्वीकार करने के कारण केम्ब्रिज प्लेटोनिस्ट्स'' कहलाये, नैतिक विचारों की नित्यता और स्थिरता को सिद्ध करने का प्रयास किया और साथ ही उन्होंने मनुष्य की बौद्धिक और सामाजिक प्रकृति को भी समझाया । इन विचारकों ने ही बुद्धिवादी सहजज्ञानवाद' को जन्म दिया। बाद को इसी विचारधारा का विकास 'नैतिक बोधवाद' के नाम से हमा। कम्बरलैण्ड और केम्ब्रिज के सहजज्ञानवादियों ने हॉब्स के विरुद्ध यह कहा कि नैतिक निर्णय शाश्वत और निरपेक्ष हैं, रूढ़िगत और कृत्रिम नहीं। वे बद्धि की अभिव्यक्ति हैं न कि संकल्प की, चाहे वह संकल्प मनुष्य का हो या ईश्वर का। हॉब्स ने नैतिक विभक्तियों को सामाजिक समझौते के द्वारा समझाया और ईश्वरनिष्ठ विचारकों ने उन्हें भगवत् संकल्प की अभिव्यक्ति कहा । पर बुद्धिवादी सहजज्ञानवादियों का कहना है कि नैतिक विभक्तियों का अस्तित्व लोकमत और सामाजिक समझौते से स्वतन्त्र है, इसलिए नैतिक विभक्तियाँ न तो मनुष्य के और न भगवान के ही स्वतन्त्र संकल्प या शक्ति द्वारा निर्धारित हो सकती हैं ।
1. Cambridge Platonists. २. कडवर्थ, कम्बरलण्ड, क्लार्क, वलेस्टन आदि । 3. Rational Intuitionism.
२४६ / नीतिशास्त्र :
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