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सेठ मूलचन्द सोनी मार्ग, अनोप चौक, अजमेर
9.3.76
श्री बाबूलालजी सेठी, मन्त्री, राजस्थान जैन सभा, जयपुर जयजिनेन्द्र
आपका पत्र मिला, पूर्वानुसार राजस्थान जैन सभा ने इस वर्ष भी स्मारिका प्रकाशन का सुनिश्चय किया है, यह अवगत कर प्रसन्नता हुई। भगवान महावीर स्वामी के 2500 वें परिनिर्वाणोत्सव की स्मृति स्वरूप स्मारिका प्रकाशन का महत्व निश्चय ही स्थायी तथा उपयोगी होगा।
स्मारिका का कलेवर सर्वजनोपयोगी तथा गवेषणापूर्ण होना चाहिये ताकि जन साधारण को उसका परिपूर्ण लाभ मिल सके । भगवान महावीर के शाश्वत सिद्धान्तों की आज केवल जैन बांधवों को ही आवश्यकता हो, ऐसी बात नहीं हैं, समग्र विश्व उन परम कल्याणकारी सिद्धान्तों पर आश्वस्त है । 2500 वें परिनिर्वाणोत्सव का सर्वोपरि लाभ वस्तुतः यही है कि जगत ने पुनः एक बार भगवान महावीर के उन विश्वहितैषी शाश्वत सिद्धान्तों की दुन्दुभि को सुना है।
मेरी हार्दिक भावना है कि आपका प्रकाशन इस दिशा में परिपूर्णता प्राप्त करे और उचित मार्गदर्शन तथा दिशा-बोध प्रदान करे । प्रकाशन की सफलता के लिये हार्दिक शुभकामनायें ।
प्रापका
भागचन्द सोनी
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